किस्मत से भरोसा उठ चला दोस्त..अब कोई कवि,अपनी पंक्तियों मेंहमें एकसाथ पिरोये..तो शायद मुलाकात हो..!! -
किस्मत से भरोसा उठ चला दोस्त..अब कोई कवि,अपनी पंक्तियों मेंहमें एकसाथ पिरोये..तो शायद मुलाकात हो..!!
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