हर साल बवाल करते रहो,,,,,
पटाखों💥 का बुरा हाल करते रहो,,,,,
मेरे यार दुआ है रब से,,,,
तुम ताउम्र कमाल करते रहो,,,,😊
Happy Diwali💥🥳....-
आओ नमन करें.......
वो देश पर आए मुसीबत की रुख मोड़ कर आता है ;;;;
वो शरहद पर अपनी शहादत कि वीरगाथा छोड़ कर आता है ;;;;
वो माँ से सकुशल लौटने का वादा भी तोड़ कर आता है ;;;;
वो हर रिश्ते से जुदा होकर मौत से नया रिश्ता जोड़ कर आता है ;;;;
तब तिरंगा भी उनके सम्मान में झुक जाता है ;;;;
जब कोई देश का लाल तिरंगा के खातिर तिरंगा ओढ़ कर आता है ;;।।🇮🇳
🖌️Yuvraj bhaskar.
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🥀ये नजराना 🎁 थोडे ही है,,,,,,,,,,,
ये तो हाल ए दिल❣️ अहसास है मेरे ,,,,,,,,,,,,,,,
ये अहसास🌹तुम तक जाए काहे की तुम खास🥰है मेरे,,,
माना दुरिया है कुछ फाशलो का मगर तु पास है मेरे,,,,,,,,
तु मेरे मुस्कुराहट😀 का हिस्सा हो माना,,,,मगर तुम मेरे हर गम खरीद लेते हो कैसे ग्राहक🤩 हो,,,,,,,,,
सुना वक़्त⌚ बदल गया है,,,,,,,,,
तो आपको भी नया🥀 साल मुबारक🎆हो,,,,,,,,,।।।❤
🖌𝙔𝙪𝙫𝙧𝙖𝙟 𝘽𝙝𝙖𝙨𝙠𝙖𝙧......
🌹𝙷𝙰𝙿𝙿𝚈 𝙽𝙴𝚆 🎗YEAR 2022 🥀🔥-
वो किताबों के पन्ने भी कितने खुशनसीब होंगे न ,,,,💞
जिसे वो पढ़ा करती होंगी ,,,,💞
उनके आशिक उन्हें मोहब्बत से पढ़ना चाहते हैं ,,,,💞
और वो किसी और को बड़ी शिद्दत से पढ़ती हैं ,,,,।। 💞
_ _ Yuvr@j Bh@sk@r...💔
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जादू उनमें थी या उनकी अदावों में ये कोई जान नहीं पाया ,,,,,
शायद मैं भी उन्हीं अंजाने आशिकों में से था ,,,,,।💞
💔Yuvr@j Bh@sk@r.....-
उससे यूँ रूठ कर रहना अब अच्छा नहीं लगता ,,,,
वो अनकहीं लम्हों की खुशियाँ अब बचा नहीं लगता ,,,,
ऐ मेरे रब मुझपे करम कर मेरे पुराने संसार लौटा दे ,,,,
नये साल में कुछ नये बाकी सब पुराने मेरे यार लौटा दे ,,।।
🖌️Yuvraj Bhaskar......💖
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तल्क छन्द है मेरे सिर्फ बद्तमीज नही हूँ मैं ,,,,
अपनो का दुश्मन और गैरो का अजीज नहीं हूँ मैं ,,,,
हम पास आए आपके तो आप यू दूर जा रहे हैं ,,,,
कृप्या सक न करें कोरोना का मरीज नही हूँ मैं ,,,।।
🖌️Yuvraj Bhaskar....-
कोई बताये जाके संसद के हुक्मरानों से,,,
आफताब को डराया नहीं जाता अंधेरों के फसानो से ,,,,
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हमें Thumsup,Sprite,Fizz नहीं चाहिए ,,,,,
हमें खाना लजीज नहीं चाहिए ,,,,,
तूने सत्ता की हनक में हमारी पगड़ी को ठोकर मारी है साहब ,,,,
हमें ऐसी सत्ता बद्तमीज नहीं चाहिए ,,,,,
सुनो हम भी कुछ कहना चाहते हैं ,,,,
जुल्म सहकर भी खुश रहना चाहते हैं ,,,,
हमें बहलाने की बेतुकी कशिश नहीं चाहिए ,,,,
हम अपनी अधिकार माँगने आए है हमें तुम्हारी बख्शीश नहीं चाहिए ,,,,,
हम खून सुखाते है इस मिट्टी में ,हमें झूका दोगे आँसु गैस के फुहारों से ,,,,,
जली हुई इन्कलाब की लौह को बुझा दोगे पानी के बौछारों से ,,,,,
हम न लाठी की मार ,न कोई हथियार , न जुल्म की बौछार ,न दुख से मरते हैं ,,,,,
विडंबना बस इतनी है "भास्कर" दुनिया को खिलाते है और खुद भूख से मरते हैं ,,,,,,।।
__ _ __ _ _ _🖌️Yuvraj Bhaskar ...
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हालात बेहद संजीदा देखा मैंने ,,,,,
नफरत का एक दौर मोहब्बत की जलती चिता देखा मैंने ,,,,,
दिलों के बीच का जख्म गहरा देखा तो मलहम उठा लिया मैंने ,,,,,
एक तरफ हथियार था तो दूसरी तरफ कलम रखी थी कइयों ने हथियार उठा लिया मुझे बदलाव लानी थी सो कलम उठा लिया मैंने ,,,,,।।
🖌️Yuvraj Bhaskar..........
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उनकी बेरुखी मेरे ख्वाबों को निर्जन कर गई ,,,,,
मेरे आँखों को नम कर गई ,,,,,
मेरी निगाहों की ख़ता बस इतनी थी "भास्कर" ,,,,,
मोहब्बत से देखा था बस उनको ,,,,,।
💔Yuvraj Bhaskar....-