ना जाने किसका तकाजा मैं अधूरा हूं खाली सा ही अब मैं पूरा हूं -
ना जाने किसका तकाजा मैं अधूरा हूं खाली सा ही अब मैं पूरा हूं
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काफिर ही थेकाफिर हूंसफ़र के ही थे मुसाफिर हूं -
काफिर ही थेकाफिर हूंसफ़र के ही थे मुसाफिर हूं
शाम गुलज़ार है साथ मे चार यार और हम बर्बाद है -
शाम गुलज़ार है साथ मे चार यार और हम बर्बाद है
कुछ ख़्वाहिशे अधूरी न होती है पूरी जब अपनों से ही हो मीलों की दूरी जलता -सा दिन है काश के रात हो नूरी कुछ ख्वाहिशें अधूरी न होती है पूरी -
कुछ ख़्वाहिशे अधूरी न होती है पूरी जब अपनों से ही हो मीलों की दूरी जलता -सा दिन है काश के रात हो नूरी कुछ ख्वाहिशें अधूरी न होती है पूरी
Who cares ,people here just pretend . -
Who cares ,people here just pretend .
ये लकीरें है जनाब ख्वाहिशों से कहां मिलती है बदनसीबी तो देखो हमसे ही गिला करती है -
ये लकीरें है जनाब ख्वाहिशों से कहां मिलती है बदनसीबी तो देखो हमसे ही गिला करती है
दुनिया खुल के जीने को कहती है खोल दूँ ख़्वाहिशें तो उड़ जाने को कहती है बदनुमा बदिंशो ने इत्मिनान से पाला है रिहा होते ही जिंदगी बिगड़ जाने को कहती है -
दुनिया खुल के जीने को कहती है खोल दूँ ख़्वाहिशें तो उड़ जाने को कहती है बदनुमा बदिंशो ने इत्मिनान से पाला है रिहा होते ही जिंदगी बिगड़ जाने को कहती है
है बुलंदी की चाहत पर , इतना आसान कहाँ है लड़खड़ाते कदमों से चले ,तो जहान कहाँ है टूटे हुए तारे को देखकर ,कभी दुआ मत करना वरना पाली हुई हसरतों को ,आसमान कहाँ है -
है बुलंदी की चाहत पर , इतना आसान कहाँ है लड़खड़ाते कदमों से चले ,तो जहान कहाँ है टूटे हुए तारे को देखकर ,कभी दुआ मत करना वरना पाली हुई हसरतों को ,आसमान कहाँ है
जिसकी ख़्वाहिश थी मुझे हबीब सेना सोचा था वो मिलेगा इतने करीब से -
जिसकी ख़्वाहिश थी मुझे हबीब सेना सोचा था वो मिलेगा इतने करीब से
अधूरा कुछ भी पसंद नही पूरा शायद किस्मत मे नही टुकड़ों पे जीना हमको आया नही -
अधूरा कुछ भी पसंद नही पूरा शायद किस्मत मे नही टुकड़ों पे जीना हमको आया नही