ना जाने किसका तकाजा मैं अधूरा हूं
खाली सा ही अब मैं पूरा हूं-
26 JUL 2020 AT 10:56
कुछ ख़्वाहिशे अधूरी
न होती है पूरी
जब अपनों से ही हो
मीलों की दूरी
जलता -सा दिन है
काश के रात हो नूरी
कुछ ख्वाहिशें अधूरी
न होती है पूरी-
24 JUL 2020 AT 18:54
ये लकीरें है जनाब
ख्वाहिशों से कहां मिलती है
बदनसीबी तो देखो
हमसे ही गिला करती है-
22 JUL 2020 AT 12:46
दुनिया खुल के जीने को कहती है
खोल दूँ ख़्वाहिशें तो उड़ जाने को कहती है
बदनुमा बदिंशो ने इत्मिनान से पाला है
रिहा होते ही जिंदगी बिगड़ जाने को कहती है-
18 JUL 2020 AT 18:42
है बुलंदी की चाहत पर , इतना आसान कहाँ है
लड़खड़ाते कदमों से चले ,तो जहान कहाँ है
टूटे हुए तारे को देखकर ,कभी दुआ मत करना
वरना पाली हुई हसरतों को ,आसमान कहाँ है-
13 JUL 2020 AT 14:09
अधूरा कुछ भी पसंद नही
पूरा शायद किस्मत मे नही
टुकड़ों पे जीना हमको आया नही-