पूछते है लोग मेरे कोन हो तुम
उन्हे क्या पता है
ज़िन्दगी का सुकून हो तुम
इस दिल की मंज़िल हो तुम
आंखो में तुम, सांसों में तुम
ख़्वाबों में तुम, ख़यालो में तुम
मेरे हर इक पहलू में
बसो हो बस तुम ही तुम
तुम्हें भूले भी तो कैसे भूले हम
मेरी ज़िन्दगी का सबसे खुबसूरत लम्हा जो हो तुम
ओर अब ज़िन्दगी की इस गर्दिश में कही हो न जाए गुम
आओ आके हमे संभाल लो तुम
पूछते है लोग मेरे कोन हो तुम
उन्हे क्या पता है
मेरी एकलौती हार हो तुम
इस दिल का अधूरा प्यार हो तुम
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