Don't think that getting avoided by you will make me forget you or lessen my interest in you...I also want to forget you or stay away from you at least for some days.
I know we have nothing in between us from your side and I respect it but is not enough to convince me.
I know, you have nothing to do with me but I saw something enchanting within you
I was mad for you & I still carry that symptoms.
Yours (don't know who)-
वो जो अनकही है कुछ बातें
तुमसे कहना चाहता हूं मैं
अगर तुम्हें दुनिया से फुरसत मिले
तो तुमसे मिलना चाहता हूं मैं
ऐ जो बिखरी हुई है जिंदगी
इसे अब सवारणा चाहता हूं मैं
गुज़रा हुआ कल ना सही आने वाला
सवेरा तेरे साथ बिताना चाहता हूं मैं
हर घडी हर वक्त
तेरे साथ जीना चाहता हूं मैं
तेरे ख्वाबों खयालों में
आना चाहता हूं मैं
तेरी पहली मोहब्बत ना सही
आखरी मोहब्बत बनना चाहता हूं मैं
वो जो अनकही है कुछ बातें
तुमसे कहना चाहता हूं मैं-
तेरे बिना अधूरा सा ऐ जीवन कुछ इस तरह निभाया है
तू ना मिला तो इसे तेरी यादों से सजाया है
तेरे ना होने का एहसास तो हर वक्त सताता है
लेकिन अब इन एहसासों के संग भी जीना सीखा है-
यहां जिना है मुश्किल
वहा बेखबर हो तुम
यहां श्यामें है उदास
वहा हसीन हो तुम
यहां बिन तेरे अधूरे है हम
वहा मुक्कम्मल हो तुम
यहां बेरंग है ज़िंदगी
वहा रंगीन हो तुम-
अब तो काफ़ी अरसे बाद मिले है
फिर मुझ से नाराज़ हो तुम
मेरे लिए तो जो कल थी
वहीं आज हो तुम
तुम्हे जो कभी सुनाई ना देई
मेरे सीने में गूंजती वो आवाज़ हो तुम
जिसे चाहकर भी कभी
भुला ना सका वो अंदाज़ हो तुम
तन्हाई तो न जाने मेरे साथ कबसे है
पर इस तन्हा ज़िन्दगी का इलाज़ हो तुम
बरसों से ख़ामोश मेरे इस
गुलाम-ए-दिल का ताज हो तुम
पता नही तुम क्या सोचती हो
पर मेरे हरइक दिन का आगाज़ हो तुम
मेरे लिए तो जो कल थी
वही आज हो तुम
-
हमने भी इतना भी मदहोश ना होना था
की होश ना रहा रुकना कहां था
तुमने भी इतना भी इंतजार ना करवाना था
की अब भूल गए हम जाना कहां था-
पूछते है लोग मेरे कोन हो तुम
उन्हे क्या पता है
ज़िन्दगी का सुकून हो तुम
इस दिल की मंज़िल हो तुम
आंखो में तुम, सांसों में तुम
ख़्वाबों में तुम, ख़यालो में तुम
मेरे हर इक पहलू में
बसो हो बस तुम ही तुम
तुम्हें भूले भी तो कैसे भूले हम
मेरी ज़िन्दगी का सबसे खुबसूरत लम्हा जो हो तुम
ओर अब ज़िन्दगी की इस गर्दिश में कही हो न जाए गुम
आओ आके हमे संभाल लो तुम
पूछते है लोग मेरे कोन हो तुम
उन्हे क्या पता है
मेरी एकलौती हार हो तुम
इस दिल का अधूरा प्यार हो तुम
-
तुम चाहते तो
नीभा भी सकते थे
पर तूमने कभी ऐ चाहा ही नही
इश्क है तुमसे.....
काश तुम भी ऐ कह पाते
पर तुमने कभी ऐ कहा ही नही
बेचैनी सी है हर वक्त
रहने दो तुम ना समझते हो
क्यूँ की तुमने कभी ऐ सहा ही नही
काश हम भी तुझे भूला पाते
और दूनिया के इन रंगो मे ढल जाते
पर करे भी क्या ये दिल तेरे बगैर कही रहा ही नही
-
बरसो पहले पागल थे तेरे प्यार मे
अभी तक वही है
हां इश्क़ हैं तुमसे
लेकिन अब छुपाना हि सही है
तेरी उन मुस्कुराती हुई तस्वीरों के सिवा
मेरे पास और कुछ भी नही है
इन आंखों ने भी आजतक देखे
सारे ख़्वाब तेरे ही है
वो रास्ते ना-गवार है हमे
ऐ बात भी हमने खुदसे कई बार कही है
फिर भी उस दरिया-ए-इश्क़ में
डूबने की चाहत होती रही है
और क्या बताएं तुम्हे
बस जो कुछ है यही है
हां इश्क़ हैं तुमसे
लेकिन अब छुपाना हि सही है-