Yukti Choubey   (Yukti)
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Joined 21 March 2017


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Joined 21 March 2017
21 DEC 2023 AT 23:17

कुछ बेताबी सी हैं , कुछ दिलचस्पी है।
थोड़ी खौफजदा हूँ, थोड़ी मुतमइन!
एहसास ये है कि मौत दस्तक दे रही,
साँसें चल रही है, पर जीने की वजह खत्म हो गई!
गला सुखा सा है, जिस्म भी सर्द है!
नज़रें मानो माज़ी का सफर कर रही,
पर ये कम्बख़्त नब्ज़ अभी भी चल रही हैं ।
शायद कुछ रिश्तों की डोरी से बंधी है रूह
कुछ अधूरी जिम्मेदारियों का फ़र्ज़ हैं ।

नाराज़गी भी है, फ़िज़ूल सी बातों पर
ख़ुद से, उनसे और सब से!
क्या अधूरे ख्वाबों का बोझ हैं?
या अनचाहे मुकाम की थकान!
कुछ बेताबी सी है, कुछ दिलचस्पी है।
कही थोड़ी खौफजदा हूँ, कही थोड़ी मुतमइन!

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28 SEP 2023 AT 21:31

न इनकार हुआ न इजहार हुआ, बस वक्त हमारे हालातों का गुनहगार हुआ।
साथ बिताए पल का सबब यू निकला,
न अजनबी बन सका वो शख्स न ही यार हुआ।
जज्बातों की पिटारी खोली थी इसके दीदार में,
उसमे से सबसे गहरा जख्म फिर सरे बाज़ार हुआ!
न इनकार हुआ न इजहार हुआ, बस वक्त हमारे हालातों का गुनहगार हुआ।

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29 JUL 2023 AT 21:52

एक काम करते है,
एक शाम हमारे नाम करते है।
नही करेंगे दुनिया दारी की बातें,
सिर्फ हम दोनो के जज्बातों को सरेआम करते है।

भीड़ की भाग दौड़ से दूर, समुंदर किनारे
तुम्हारे कंधे पर मेरे सिर को रख, अपने अक्स का दीदार करते है
एक काम करते है,
एक शाम हमारे नाम करते है।

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14 JUN 2023 AT 21:32

यार, आज फिर से अंदर कुछ टूटा है।
आज फिर मेरे दिल से दिमाग रूठा है।
समझाना चाहती हू खुद को रोज,
समझाना चाहती हू खुद को रोज,
कर लेंगे ये सफर भी मुक्कमल,
क्या हुआ हमसफर ही तो छूटा हैं।

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7 JUN 2023 AT 18:07

काश की यू होजाए,
मेरे हर जज़्बात तेरे हो जाए,
महसूस हो तुझे भी ये सारी चुभन
दिखे तुझे भी मेरे अरमानों की मजार।
काश की यू होजए,
तू भी अपने अक्स से अनजान नजर आए।

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15 MAY 2023 AT 22:39

मैंने बाज़ दफा, अपने कंधों को खुद सहलाया है
बहला फुसला कर खुद को रोते रोते चुप कराया है।
अब अकेलेपन को मेरा साथी मानो या मेरा एक हिस्सा
मैंने अपनो से ज्यादा वक्त खुद के साए के साथ बिताया है!
रोज टूट के, खुद के किस्सों की किरचिया जोड़ी है
कई अकेली रातों को आंख खुले सो के बिताया है।
मैंने बाज़ दफा, अपने कंधों को खुद सहलाया है।

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9 MAY 2023 AT 18:22

A mirror to see myself happy
To able to trust
To freely laugh
To have things I can't imagine i can have!
A mirror to make me believe
That life can be beautiful,
there is true love and kindness.
I need a mirror not just to reflect but to give assurance,
that I deserve it all!

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9 MAY 2023 AT 18:21

A mirror to see myself happy
To able to trust
To freely laugh
To have things I can't imagine i can have!
A mirror to make me believe
That life can be beautiful,
there is true love and kindness.
I need a mirror not just to reflect but to give assurance,
that I deserve it all!

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29 APR 2023 AT 22:58

Jin aadhiyo se drti thi mai,
Aaj unse kuch mohobbat si Hui hai.
Jin kahaniyon ko sunti thi mai,
Aaj lagta kuch asliyat me rubru hui hai!

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15 APR 2023 AT 20:27

फिर कुछ यू हुआ, हमने उन्हें बुलाना छोड़ दिया.
वो कहते है की अब शायद मोहोब्बत नही हमे,
क्या मजाक है साहेब,
फर्क बस इतना है, की हमने अब जताना छोड़ दिया।

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