Yukta shrivastava   (दिल की बातें~)
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मेरी कलम 📝मेरी पहचान
Believe your self not believe other self
Dream- writer
Joined 20 August 2019


मेरी कलम 📝मेरी पहचान
Believe your self not believe other self
Dream- writer
Joined 20 August 2019
29 OCT 2020 AT 23:22

वही लोग तुम्हें बदनाम करेंगे
जिनका नाम अपने आप में बदनाम है।

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31 DEC 2021 AT 10:37



कुछ सपने संजोया था जिसे
वह अधूरा सा रह गया
जिंदगी में खिलती धूप सी उम्मीदें
क्या पता था डूबता सूरज सा हो गया
चलना सीख रहे थे जिंदगी में
पर जीने का सहारा ही अब नजारा बन गया
बहुत कुछ था जताने को पर हकीकत
कितना कुछ अनकहा सा रह गया

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6 DEC 2021 AT 22:46

तेरी हर मुस्कुराहट में मुस्कुराना चाहती हूं
तेरी हर आंसू को खुशी में बदलना चाहती हूं
कदम से कदम साथ तेरे चलना चाहती हूं
तेरे हर दर्द को राहत में बदलना चाहती हूं
बस ख्वाहिश यही है कि तेरी जिंदगी का
एक छोटा सा हिस्सा बनना चाहती हूं।

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6 DEC 2021 AT 22:34

बस तेरे साथ की ख्वाहिश थी क्या पता था
मेरे आंसुओं से इनकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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6 DEC 2021 AT 22:28

समय है जनाब थोड़ा हमें भी समझ लीजिए
वरना हम सिर्फ चाय की चुस्कियों में याद आएंगे।

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6 DEC 2021 AT 22:24

मंजिल की तलाश में इतना भी दूर ना होना कि
मंजिल तक पहुंचते तुम्हें अपने ही ना दिखे

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2 DEC 2021 AT 13:52

किसी इंसान को इतना भी मजबूर ना करो कि
वह न चाहते हुए भी तुमसे दूर हो जाए।

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2 DEC 2021 AT 13:48

हंसती खेलती आंगन में जो मम्मी पापा के घर की डाली घर की रानी की जो खूबसूरत फूल सी डाली
छोटे भाई के तकरार में भी प्यार करती डाली
अपने प्यारे से जीजू की राज दुलारी डाली
बिट्टू से मां की तरह जुड़ाव रखने वाली मासी डाली
घर की बगिया की शान डाली
जो अब बन गई है राकेश के घर आंगन की डाली।





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7 NOV 2021 AT 23:23

किसी का 1 दिन खास मत बनाओ
जब तुम उसको खास नहीं मानते तो
और यदि खास मानते हो तो उसका
हर दिन तुम्हारे लिए खास जरूर होगा।

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4 NOV 2021 AT 8:33

दीयों की रोशनी से घर साल में एक बार जगमगाता है
घर की असली रोशनी तो आपकी मुस्कुराहट थी जिससे घर आंगन हमेशा जगमगाता था मां

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