ख़ुशी ज़ाहिर करती वो मुस्कुराहट
मुस्कुराहट जो कभी नज़रों से ब्यान होती थी,लबों तक सिमट कर रह गई।-
मेरी जिंदगी खुली अलमारी की ... read more
वक़्त के साथ पीछे छूठते लोग और उनसे जुड़ी यादे को धुंधला होते देख इस बात का एहसास हुया कि शराब की आदत छूट जाएगी
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हर बार वही बात दोहराता रहा दिल
तुम आयो इस बार तो फ़ुरसत लेते हुए आना।-
अपनों को हमेशा के लिए खो देने का डर
गैरों को अपना समझ पास रखने का डर
और फिर इनसे भी ऊपर बसता है,इन निगहों में कहीं
ख़ुद अपनों को ग़ैर बनते देखने का डर-
बेहतर ज़िंदगी की खोज़ में अंत की ओर भागते इन लोगो को कौन समझाये कि उनके पैर ज़मीन नहीं, पर समय के साथ क़ब्र की दलदल में जमते जा रहे है।
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उन नूर भरी नज़रों के पीछे, ना जाने कितने ग़म छिपाए बेठा है
लबों पर हंसी और ज़हन में चुप, लोगों को झूठी दास्ताँ सुनाए बेठा है-
उन नूर भरी नज़रों के पीछे, ना जाने कितने ग़म छिपाए बेठा है
लबों पर हंसी और ज़हन में चुप, लोगों को झूठी दास्ताँ सुनाए बेठा है-
ਕਿਸ ਜਮਾਨੇ 'ਚ ਲਿਆ ਖੜਾ ਕੀਤਾ ਰੱਬਾ...
ਠੰਡਾ ਪਿਆ ਜਿਗਰ ਵੀ, ਜੇਬ ਦੀ ਗਰਮੀ ਵੇਖ ਪਿਗਲਦਾ ਹੈ।-
ਗੁੱਸੇ ਨਹੀਂ ਹਾਂ ਤੇਰੇ ਤੋ
ਬਸ ਨਰਾਜਗੀ ਹੈ, ਉਹ ਵੀ ਖੁਦ ਨਾਲ
ਕਿ ਜਿਨ੍ਹੇ ਮੇਰਾ ਕਦੀ ਸੋਚਿਆ ਨਹੀਂ
ਉਹਦੇ ਪਿੱਛੇ ਕਿਉਂ ਮਰੀ ਜਾ ਰਹੀਂ ਹਾਂ-