YQ Singh_sahiba   (Aarti Singh)
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Joined 17 April 2018


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Joined 17 April 2018
7 NOV 2018 AT 9:38

जो शख्स नफ़रत की आग मे सारी जिन्दगी जला है..
उसे एक दिन की दिवाली से भला क्या फ़र्क पड़ा हैं..

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9 AUG 2018 AT 11:40


8 AUG 2018 AT 17:34

अपने नारित्व मे साधारण स्त्री हूँ मै...
कोमलता से उपजा वो धैर्य का बीज हूँ मैं...
मैं कमज़ोर नही हूँ हताश नही हूँ अबला हूँ मैं...
और बात सम्मान तक पहुँच जाये तो नाशिनी हूँ मैं काली हूँ मैं!

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28 JUL 2018 AT 23:30

If Tears Could Bring Him Back
So There'd Be Enough To Bring Him Back A Million Times.

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28 JUL 2018 AT 8:42

जो इंसान आपकी बातो को नही समझ पाया,
अगर खामोशी भी ना समझे तो कोई बड़ी बात नही!

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27 JUL 2018 AT 18:16

कोशिशो की नाक़ामियाबियो का सितम कम ना था क्या..?
लाशो से दिल बहलाने की आरज़ू कर बैठे हो,
मैं खुश्बूदार किरदार कहाँ की हूँ ?
ग़म ए सितम मे फना हुई बैठी हूँ,
चंद आसमान से कहाँ होते हैं बुलंद इरादे
मैं फलक की गोद मे सर छुपाए बैठी हूँ,
तुम ढूंढते हो मुझे दुनिया के रंगीन नज़ारो मे
और मैं एक अरसे से सोयी बैठी हूँ!

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24 JUL 2018 AT 0:27

मै तो बस कहानी का पहला पन्ना बनना चाहती थी
उसने तो अनकहा वाक्या सा बनाकर छोड़ दिया!

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21 JUL 2018 AT 9:38

ਜਾਂ ਤੁਝੇ ਤੇਰੇ ਹਾਲ ਤੇ ਛੋਰਾ..
ਇਸ ਟੋਨ ਵਧਿਯਾ ਸਜਾ ਤੇਰੀ ਹੋ ਭੀ ਨਹੀ ਸਕਦੀ!

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19 JUL 2018 AT 11:09

Aukaat Aisi Jagah Hai Jahan Bahut Kam Log Rehte Hain..

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18 JUL 2018 AT 21:13

तुम साथ हो तो सांवरे दुख क्या हैं
और क्या हैं मुश्किल...
कान्हा इस संसार मे प्रीत करना आसान है
पाना है मुश्किल 🙏

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