क्या हार में, क्या जीत में
किंचित नहीं, भयभीत मैं
संघर्ष पथ पर जो मिले
यह भी सही, वह भी सही
वरदान माँगूँगा नहीं
कवि : शिवमंगल सिंह 'सुमन'- श्रीलाल शुक्ल
1 FEB 2019 AT 20:55
क्या हार में, क्या जीत में
किंचित नहीं, भयभीत मैं
संघर्ष पथ पर जो मिले
यह भी सही, वह भी सही
वरदान माँगूँगा नहीं
कवि : शिवमंगल सिंह 'सुमन'- श्रीलाल शुक्ल