बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे हैहाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है - श्रीलाल शुक्ल
बंसी सब सुर त्यागे है, एक ही सुर में बाजे हैहाल न पूछो मोहन का, सब कुछ राधे राधे है
- श्रीलाल शुक्ल