मैं पहली मंजिल पर खड़ा हूं,वो मेरा पता पूछने लगे
मैं खड़ा रहा , वो मेरी खता पूछने लगे
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के देखो
मोहब्ब्त में बर्बाद इंसान
मोहब्ब्त का बोझ उठाए जा रहा है
मोहब्ब्त से यू
नफरत है फिर भी
मोहब्ब्त - मोहब्ब्त गाए जा रहा है
कि इश्क़ की खुशबू से परहेज़ है उसे
कम्बक्त इश्क़ को पाने की दवा(भांग) खाए जा रहा है
उसके दिमाग का भ्रम है ,
कि वो नाचती है उसके साथ
बेशरम गुड़िया है ,
जिसको तू बेवफा समझकर नचाए जा रहा है
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मुकाबला मुसीबतों का करो , ज़िन्दगी बुलाएगी ज़रूर
ज़िन्दगी को मुसीबत ही समझो, कब्र में दबाएगी ज़रूर-
बरसते बादल के नीचे , पानी का एक कतरा ना रहा
सांसे चलने लगी हमारी , मरने का कोई ख़तरा ना रहा
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आज मिले नहीं है उनसे , जैसे सदियों का इंतजार लगता है
इस बार इस तरफ से , सच्चा वाला प्यार लगता है-
हा मै तेरे बाद रोया हूं ,
कई बार तेरे बाद सोया हूं
यूं तो घुमा हूं मै पूरी दुनिया अपनी नज़रों से,
तेरी नज़रों में आया हूं जबसे,
कमबख्त कई बार खोया हूं
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कभी कभी मेरा दिल करता है,
के आसमान में आग लगा दू
पर फिर आसमान भी तो ,
मेरी खाहिशों की तरह धुआ धुआं है-