किताब-ए-इश्क़ में उसको पढ़ाऊँगा मोहब्बत,
तख़्त-ए-दिल पे उससे लिखवाऊँगा मोहब्बत,
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वो जो ग़ज़ल मैंने उसके हुस्न पर लिक्खी है,
वो जब मिलने आएगी उसे सुनाऊँगा मोहब्बत,
❤️💓❤️
उसे शिकायत है कि मैं क्यूँ ख़ामोश रहता हूँ,
इक रोज़ उसे गले लगाकर बताऊँगा मोहब्बत।
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✨❣️❥❥🅕🅡🅞🅜--🅟🅐🅣🅝🅐....
✨❣️❥❥..𝕀 ☞�... read more
जली चिताओं का हिसाब अभी बाकी है...
अमन का नया आफताब अभी बाकी है..!
सींचा है गुलिस्तां शहीदों ने अपने लहू से...
माटी सा महके, वह गुलाब अभी बाकी है..!
पाल लिए आंखों ने, ख्वाब तिरंगे के...
मुल्क में सहादत का, सैलाब अभी बाकी है..!
शहीद हुए खुदीराम बोस, जिस माटी में...
वह दहाड़ने वाला बिहार, अभी बाकी है..!
बच्चा-बच्चा बन जाए सुखदेव,राजगुरु और भगत सिंह
मेरे वतन में यह इंकलाब अभी बाकी है..!
आजाद भारत में हर जरूरत पूरी हो सबकी...
वीर शहीदों का यह ख्वाब अभी बाकी है..!-
❤️इश़्क करो तो बेहिसाब करो
बिछड़ना तो एक दिन जाहिर है,💓
❣️❣️🌹🌹❣️❣️
❤️जो बेइन्तहां चाहत से रुह में उतर जाए
सिर्फ़ वही मोहब्बत में माहिर है।💓
😍🤗🤗😍
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मंजिल-ए-हुस्न में दिलदार का क्या मजा,
जो मिल जाए आसानी से प्यार, वो प्यार का क्या मजा,,,
💞💞🌹🌹💞💞
तुम जो कहती हो जानेमन की दूर-दूर क्यों रहते हो हमसे...
अरे....तुम जो कहती हो जानेमन की दूर-दूर क्यों रहते हो हमसे....
ए हुस्न जब हम पास आ जाएं तो उस प्यार का क्या 💞💞 मजा....💞💞
(...जो मिल जाए आसानी से प्यार वो प्यार का क्या मजा...)
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सारा जहां उसी का है,
जो मुस्कुराना जानता है....।।
रोशनी भी उसी की है,
जो शमां जलाना जानता है....।।
हर जगह मंदिर-मस्जिद गुरूद्वारे हैं...
लेकीन इश्वर तो उसी का है,
जो “सर” झुकाना जानता है....।।
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जाते जाते वो मेरे दिल से उखड़ता रह गया
मैं आग की उम्मीद में था, पत्थर रगड़ता रह गया..
मैं अगर उससे बिछड़ता तो भी कुछ ये ठीक था
मुझसे बिछड़ा वो मगर, मैं उससे बिछड़ता रह गया..
वो था गुज़रा सामने से, मैं न कुछ कर पाया मगर
और मैं करता भी क्या, किस्मत से लड़ता रह गया..
कुछ भी तो ऐसा नहीं है वक़्त पर जो न हुआ
वक़्त पर बस मेरा सूरज चढ़ता-चढ़ता रह गया..
मेरा अफसाना लिखेंगी बस मेरी खामोशियाँ
शोर मेरा मेरे दिल में, बस उमड़ता रह गया..-
कुछ यूं लिखा है उसको मैंने,
किसी और को कभी लिखा नहीं...।
कागजों पर ज़िक्र उसी का है,
किसी और को इतना सोचा नहीं...।
तकदीर ने मिलाया है मुझे उससे,
मिलना हमारा एक इत्तेफ़ाक नहीं...!
@𝓛𝓞𝓥𝓔❣️-
इस खेल में अगर मोहरे तुम्हारे भी होते,
हम अफ़सोस तक ना करते अगर हारे भी होते......
❣️❣️
हमने सीखी नही बेवफ़ाई इश्क़ में,
वरना हम किसी औऱ के होते तो तुम्हारे भी होते......
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दो दिलों की धड़कनों में एक साज़ होता है
सबको अपनी-अपनी मोहब्बत पर नाज़ होता है
उसमें से हर एक बेवफा💔 नहीं होता
उसकी बेवफ़ाई के पीछे भी कोई राज होता है!-
इक तुम हो जिसे प्यार भी याद नहीं,
❣️
इक मैं हूँ जिसे और कुछ याद नहीं,
❣️
ज़िन्दगी मौत के दो ही तो तराने हैं,
❣️
इक तुम्हें याद नहीं इक मुझे याद नहीं।
❣️
💓 #Dastaan_E_Mohabbat💓-