23 JUL 2019 AT 23:04

ओह रे.. ताल मिले नदी के जल में
नदी मिले सागर में
सागर मिले कौन से जल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले नदी के जल में..

अन्जाने होंठों पर ये, पहचाने गीत हैं
कल तक जो बेगाने थे, जनमों के मीत हैं
ओ मितवा रे कल तक
क्या होगा कौन से पल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले नदी के जल में...

सूरज को धरती तरसे, धरती को चंद्रमा
पानी में सीप जैसे, प्यासी हर आतमा
ओ मितवा रे पानी में
बूंद छुपी किस बादल में
कोई जाने ना
ओह रे ताल मिले नदी के जल में...

'इंदीवर'

- YQ Hindi