जब रात से दिन खिल जाता हैं....जब कोयल कू कू गाती हैं...गाँव मैं रौनक आती है...खेतों की हरीयाली देखो... क्या खुब मनों को भाती हैं...किसान की मेंहनत भी क्या खुब रंग लाती हैं..आँगन मैं माँ के घुघरौं बजते हैं..और नयी उमीदों के पंख लगते हैं.... -
जब रात से दिन खिल जाता हैं....जब कोयल कू कू गाती हैं...गाँव मैं रौनक आती है...खेतों की हरीयाली देखो... क्या खुब मनों को भाती हैं...किसान की मेंहनत भी क्या खुब रंग लाती हैं..आँगन मैं माँ के घुघरौं बजते हैं..और नयी उमीदों के पंख लगते हैं....
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जब अब तक ....घरवाले अनजान है मुझ से....तो कैसे कह दूँ ....तुम समझ लोगे !!! -
जब अब तक ....घरवाले अनजान है मुझ से....तो कैसे कह दूँ ....तुम समझ लोगे !!!
कहता है महफूस रहे वो घर में ,बंद दीवारों में !!बता द्रपती कहाँ लूटी थी....घर में ,या बाज़ारों में ...!!!! -
कहता है महफूस रहे वो घर में ,बंद दीवारों में !!बता द्रपती कहाँ लूटी थी....घर में ,या बाज़ारों में ...!!!!
परेशानिया तो हर किसी की ज़िंदगी में है साहब !!पर उदासियाँ चेहरे पर दिखाये ......यह ज़रूरी तो नही -
परेशानिया तो हर किसी की ज़िंदगी में है साहब !!पर उदासियाँ चेहरे पर दिखाये ......यह ज़रूरी तो नही
“ बात छोटी है मगर सच्ची है ...बाप की नसीहत .....सबको बुरी लगती है !!लेकिन वसीयत , सबको अच्छी लगती है “ -
“ बात छोटी है मगर सच्ची है ...बाप की नसीहत .....सबको बुरी लगती है !!लेकिन वसीयत , सबको अच्छी लगती है “
बात बस इतनी सी है कि ..... किसी भी पेड़ के कटने का क़िस्सा ना होता,अगर कुल्हाड़ी के पीछे ...लकड़ी का हिस्सा ना होता !! -
बात बस इतनी सी है कि ..... किसी भी पेड़ के कटने का क़िस्सा ना होता,अगर कुल्हाड़ी के पीछे ...लकड़ी का हिस्सा ना होता !!
लोग शोर से जाग जाते है ....और मुझे ,एक इंसान की खामोशी सोने नही देती!! -
लोग शोर से जाग जाते है ....और मुझे ,एक इंसान की खामोशी सोने नही देती!!
अगर नज़रों की ज़ुबान होती ,और लफ़्ज़ों मैं बायाँ होती!!तो कहते तुम्हें ..,के सामने हो तुम तो .....धड़कन जरा कुछ रुक सी जाती है -
अगर नज़रों की ज़ुबान होती ,और लफ़्ज़ों मैं बायाँ होती!!तो कहते तुम्हें ..,के सामने हो तुम तो .....धड़कन जरा कुछ रुक सी जाती है
हम उन्हें हर वक्त याद करते हैं !!और वो हमें वक्त पे याद करते है -
हम उन्हें हर वक्त याद करते हैं !!और वो हमें वक्त पे याद करते है
छोटी सोच ,और पैर की मौच कभी आगे नही बढ़ने देती ! -
छोटी सोच ,और पैर की मौच कभी आगे नही बढ़ने देती !