YogShikha  
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Biker, Author, Blogger, Poet, Motivational Speaker, Social Activist
Joined 4 May 2017


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11 FEB AT 8:31

बिना अनुशासन मन पर शासन नहीं किया जा सकता।

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23 JAN AT 8:21

परिस्थिति चाहे अनुकूल आये या प्रतिकूल आये, उसका आरम्भ और अन्त होता है।

अब ऐसी प्रतिक्षण जन्मने और मिटने वाली अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थितियों को लेकर अतिउत्साहित या हतोत्साहित होना है या नहीं, ये निर्णय आपको करना है।

-भगवद्गीता प्रेरित

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1 MAR 2023 AT 6:20

कुछ करने का एक कारण कुछ न करने के सौ बहानों से ज्यादा ताकतवर है। उस कारण को पहचानिए।

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4 AUG 2022 AT 9:15

तुझे पाने की इस कदर ठान ली..
कि टूटते तारों से भी मन्नत मांग ली

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20 JUL 2022 AT 14:34

तेरी लौ सुलगी और हम पिघलते चले गए
बेसुध हुए और इश्क़ में हम जलते चले गए

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20 JUL 2022 AT 14:33

तेरी लौ सुलगी और हम पिघलते चले गए
बेसुध हुए और इश्क़ में हम जलते चले गए

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9 JUL 2022 AT 8:36

थी वो मोहब्बत क्या मिसाल न पूछो
एक सोच से कैसे हुई ज़वाल न पूछो

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9 JUN 2022 AT 6:14

कोई रंग भी न घुला और इंद्रधनुष चमक उठा
कोई इत्र भी न खुला और आलम महक उठा
कहूं इबादत, अदायगी या जादू इस इश्क़ को
तुझ में मैं मिला और मुझ में तू ही तू झलक उठा

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14 FEB 2022 AT 17:21

न ही पूछो मुझ से मेरे इश्क़ की...

जो मैं बता ही पाऊं
तो इसे जियूं कैसे?
अब जी रही हूं इसे
तो बताऊं कैसे?— % &

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15 JAN 2022 AT 16:35


इसे इश्क़ न कहिये, ये जोख़िम है जनाब
समझ मे आने से पहले समझ चली जाती है
ये हाकिम रंगरेज का रचा रंगीन दरिया है
जिसमें डूब कर दुनिया बेरंग नज़र आती है

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