Kalam meri likh deti hai ....
Jo dil me a jata hai
Ab kitna accha or kitna bura ....
Likha hai Ye Kalam nahi jaanti ......-
समय संवाद करता है
की कुछ छूट गया आगे बढ़ने की रेस में ।
कुछ खो गया है समय को पकड़ने में ।
की समय वो नहीं जो था और जो है वो रहेगा नहीं ।
वो समय कुछ और था ये समय कुछ और है ।
समय के साथ चलते चलते कुछ खो दिया ।
और कुछ पा लिए समय को बचाया भी ।
और बर्बाद भी किया अब छूटे हुए मिलेंगे नहीं।
और जो समय है उसको रोक नहीं सकते।
समय बहुत बलवान है बस इसलिए समय संवाद करता हैं।
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तुम्हारे बाहों में लिपट के सोना ......
और उस नींद में सपने भी तुम्हारे ही देखना।
आँख खुले तो तुमको ही महसूस करना।
और दिनभर तुम्हारे आने का इंतज़ार करना।
तुम्हारे आने पे तुम्हारे पसंद का सबकुछ तैयार करना ।
और फिर किसी बात पे बच्चो की तरह मुंह फुलाना।
ये जिन्दगी है तुमसे ........-
ऊब जाता है मन......
बनावटी लोगों से ....
लोगों के झूठ से .....
दिखावे वाले रिश्तों से ...
झूठे अपनेपन से ...
झूठे दुलार से ...
नकाब पोश लोगो से ....
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Mujhko pyari baate tumhari.....
Aram pohochati hai.....
khatti mithi tumhari baate
Aram pohochati hai .....
Ajab sa sukun milta hai baato se tumhari...
Jindgi ka saar hai baate tumhari
Shubha sham har jagha hai baate
tumhari.....
Nend me sapne me har kahi hai baate tumhari....
Aram de jaati hai ye baate tumhari...
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ऊपर वाले की कृपा कुछ ऐसी ही थी ।
की हाथ कुछ भी न आया।
सब कुछ बरबाद होके ये जिन्दगी भी हाथ न आया
जिक्र तो सबने किया पर रास ना आया ।
सिर्फ बातो से कहां कुछ हाथ आता है ।
बातो बातो में किसी का सब कुछ लूट जाता है ।
और हाथ कहा कुछ आता है-
Tum sochte he rehna .....
Or meri duniya badal jayegi ...
Ye samay fir nahi aayega ....
Ek he moka hai tumhare pass ...
Fir sab kuch badal jayega ...
Tum sochte he rehna .....
Or kuch v pehle jaisa na reh jayega ....
Samay ke sath sabkuch bit jayega ..
Tum sochte rehna .....-
You my Jaan .......
Happyness is like
Your smile
Your sweetness
Your love
Your cuteness
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मेरी बच्ची के मातम का बोहोत खूब तमासा बनाया तुमने
वो मट्टी के अंदर भुखी प्यासी थी और क्या खूब जलसा
बनाया तुमने
मरे हुए को क्या खूब मरवाया तुमने ....
और मिट्टी के अंदर जाने पे भी प्यार ना दिखाया तुमने
मेरी बच्ची के मातम का बोहोत खूब तमासा बनाया
तुमने ....-
कभी-कभी लोग सुनने वाले तो होते हैं
पर समझने वाले नहीं होते.....
ऐसे में खुद से बात करते रहिए....
खुद से ही मैं बोल लेती हूं
खुद को ही समझा लेती हूं
खुद को ही डांट कर खुद को ही ,
मना लेती हूं....
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