हकिकतें बिकती हैं , ख़्वाब नहीं बिकते
दुनिया के बाज़ार में जज़्बात नहीं बिकते
मेरा ईश्वर मुझमें ही है समाया ,
बिकती तो है मूर्तियां भगवान नहीं बिकते
उसने सितारों पे रखा था कदम , आसमां की सैर को
उसे क्या मालूम था ,
वो आसमां की सैर नहीं कर सकते ,
ज़मीं पर जिनके पांव नहीं टिकते
हकिकतें बिकती हैं , ख़्वाब नहीं बिकते
लोग कहते हैं गोता लगा ही लो तुम भी , महॉब्बत के दरिया में
पर हम करें भी तो क्या ,
हमें किसी से इश्क हो जाए ,
ऐसे तो कोई आसार नहीं दिखते
हकिकतें बिकती हैं , ख़्वाब नहीं बिकते
- योगिनी पाठक
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