Yogi Bundela   (Yogi Bundela'गुस्ताख़')
20 Followers · 9 Following

read more
Joined 11 June 2019


read more
Joined 11 June 2019
12 APR 2022 AT 23:16

लोग जब पूछते हैं कि आप क्या काम करते हो?
असल में वो हिसाब लगाते हैं कि आपको कितनी इज्ज़त देनी है।

-


31 MAY 2021 AT 10:38

सोचता हूं...
अगर इश्क़ ना होता तो,
क्या लिखता शायर... और क्या पढ़ते तुम?

-


24 MAY 2021 AT 15:36

न जाने कितनी किताबें खोल रखीं हैं
मैंने वो एक लफ्ज़ ढूंढने के लिए
जो बता सके कि...
तुम किसी और की हो कर भी मेरी क्या हो ?
जब तक वो लफ्ज़ नहीं मिलता...
तब तक तुम्हें मैं ज़िन्दगी लिख कर पुकारूंगा ।

-


22 JUL 2021 AT 0:51

जानता हूं तुम मुझे नही चुनोगी,

मुझे इस बात का दुःख नहीं पर मेरे लिए महत्वपूर्ण रहा तुम्हारे जीवन का विकल्प बनना..

तुम जो चुनोगी वो विवशता होगी..
मोह होगा पर तुम प्रेम त्याग दोगी,ये बात मुझे दुःख देगी...

-


24 MAY 2021 AT 15:58

माना कि अब हर सुबह अखबार रक्त रंजित हो कर आता है..
पर आज भी सलमा राधा की चुनरी सिलती है
प्रेमचंद ईदगाह की कहानी सुनाते हैं


माना कि घायल आदमी पर गिध्दों की नजर है
आज भी सुबह-सुबह डाना डालते समय मेरे सिर पर गोरैया मंडराती है

माना कि सड़क पर चलते-चलते अक्सर थक जाता हूं
पर आज भी किनारे पर खड़ा नीम का पेड़ तनिक सुस्ताने की मनुहार करता है।

-


18 MAY 2021 AT 15:11

समाज ने 'मजदूर' नाम दिया है मुझे,
अमीरों के बोझ ढोने का काम दिया है मुझे।

मजदूर हूं साहब पिसता ही रहा हूं मैं
समाज का घड़ा हूं,बूंद बूंद रिसता ही रहा हूं मैं।

कोरोनकाल में मेरी ही आवाजाही नही है,
दाल-भात के लिए भी,तरसता रहा हूं मैं।

ना बीमार हो कोई घर मे प्रकृति से दुआ कर रहा हूं,
गंगा में तो,लावारिस-शवखाने में भी सड़ रहा हूं मैं।

इस मुसीबत घड़ी में हुक्मरानों से तो कोई उम्मीद नही,
डेढ़ दिन से खाली पेट हूं फिर भी देश प्रेम दिखाता रहा हूं मैं।

-


16 MAY 2021 AT 22:31

अब मैं उसे ख़त नही लिखता...
सुना है उसका बेटा पढ़ने लायक़ हो गया है।

-


16 MAY 2021 AT 0:10

तुम को लिखना चाहता हूं
जब भी बैठा मैं तुम्हें लिखने
सोचा कि क्या लिखूँ
निशा का अंत लिखूँ
फूलों की महक लिखूँ
चिड़ियों की चहक लिखूँ
हिरनी सी चाल लिखूँ....और भी बहुत कुछ लिखना चाहता हूं पर लिखूं तो क्या लिखूं
तुमनें भी कभी खुद को लिखने का मौका नही दिया..
कभी बैठो मेरे साथ,आओ मैं तुमको लिखूं

-


12 MAY 2021 AT 22:58

तेरे लगाए हुए मास्क लगाना चाहता हूं,
मेरी ख्वाहिश तो देख,मैं क्या चाहता हूं?

-


25 MAR 2021 AT 23:34

Paid Content

-


Fetching Yogi Bundela Quotes