एक नयी जरूरत अक्सर किसी
दूसरी जरूरत को खत्म कर देती है,
ये जरूरतें ही इंसान की अक्सर
इंसान को तबाह कर देती है-
....सत्य... प्रेम ...करूणा ...
🚩🚩वंदे मातरम् 🚩🚩
Bhai meri setting nhi h
5 nov.... read more
वो चेहरे की मुस्कान के पीछे
अलग सी खामोशी रखती थी
कहती किसी से कुछ नहीं
पर सुनती सबकी थी-
आज मैने इश्क देखा
रकीब में उलझा हुआ
घुंघराले से बालों में उसका अक्स
थोड़ा सा सुलझा हुआ-
अनकहे बहुत से अल्फाज
उन्हें एक वक्त के बाद
तब समझ आयेंगे
जब वो भी उसी राह पर चलेंगे
जिस पर से हम गुजर चुके हैं-
एेसा नहीं है कि
आप गम-ए-जिंदगी सुनाये
और तमाम हजरात में ये
शख्स आपका मजाक उडाये-
Zra ada se uska ek bar
surj ko dekhna hua hi tha
ki soorj b jht se badlo me
chup gya...
esi kaatilana aankho ki malkin h wo-
एक निबंध प्रतियोगिता में
मैं भी चला आया
लिखा सिर्फ "माँ" था उस पर
बाकी पन्ना खाली छोड़ आया
-
नहाकर उसके बाल खोलते ही
जुल्फों से मोती बिखर गया
जरा सा उसके मुस्काते ही
चेहरा यह मेरा खिल गया-
एक हाथ हम बढाये गर
दोस्ती का आपसे
क्या आप भी निभायेंगी
दोस्ती ये हमसे-