सुना था महलों में रहती हो तुम
आज अरसे बाद देखा एक नजर भर के
वक्त की झुर्रियां उतर आई हैं चेहरे पर तुम्हारे
आंखों में एक लंबे इंतजार की थकान भी थी
सोचा न था
यूँ इतना मुश्किल होगा तुम्हारी कसमों को निभाना
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One person with a commitment is worth more than 100 people who have only an interest.
-Mary Crowley
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जिस तरह थामा तूने वक़्त को
मैं तुझे थामूँ किस तरह
जिस तरह तूने मुझे देखा
मैं तुझे देखूँ किस तरह
जिस तरह सजाया तूने मुझे सपनों में अपने
मैं तुझे सजाऊँ सपनों मैं किस तरह
जिस तरह तू चाहती मुझे
मैं तुझे चाहूँ किस तरह
जिस तरह लेती मुझे आगोश में तुम अपने
मैं तुझे आगोश में लूँ किस तरह
जिस तरह तूने थामा मुझे
मैं तुझे थामूँ किस तरह-
बार-बार कभी मोबाइल में समय देखना
कभी घड़ी में झाँकना
समझ नहीं आता कि
वक़्त का हिसाब मैं रखता हूँ
या वक़्त मेरा
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खोल अपनी गोरी बाहें
आगोश में मुझे भरती तुम
बन तरुवर की सघन छाँव
श्याम रंग में ढलती तुम
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तुम बहुत याद आती हो
बैठा रहूँ कभी तन्हाई में
तो आँखों से कभी रिस जाती हो
हाँ तुम बहुत याद आती हो
बीत रही है कारी रैना इंतज़ार की
रवि के उदय अस्त के फेरे में
सावन की पुरवाई में, बूँद बन कर
बादलों के कोने से झड़ जाती हो
हाँ तुम बहुत याद आती हो
हर रोज़ जब सांझ ढले
लौटूँ मैं जब अपने वृक्ष तले
तुम अपनी नटखट सी याद
मेरी गोद में सरका देती हो
हाँ तुम बहुत याद आती हो-
ज़िन्दगी इम्तेहां लेती है, सुना है
कुछ इम्तेहां जिंदगी भी लेते हैं, जाना है
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थक गया हूँ तेरी उम्र से ए- ज़िन्दगी
सिर्फ एक एक कर दिन अपने कम न कर
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शाम उतर आई है दिल में
तेरे ख्याल भर के एहसास से
सोचो ज़रा, जब रात जवां होगी
तब नज़ारा क्या होगा
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जब भी कोई खोल देता है
पिछला दरवाज़ा मेरे घर का
उंगलियां, दिल की दरारें कुरेद जाती हैं-