नैना सुंदर, छैल छबीले और कंटीले होठ .
कानों के झुमके गालों को चूमे,
ऊपर लाल रंग की गोट।-
लाखों है मैल दिल में ,थोड़ी सफाई भी,
थोड़ा सा नेक हु,थो... read more
छुप गए है,नजरों से मेरे वो ,
तड़पाने के लिये मुझको....
डर तो उनको भी सताता होगा,
कही हमीं ना पहचाने उनको।-
कभी तुम थे साथ मेरे
आज गैरों की बाहों में हो,
सितमगर ये कैसा सितम किया है
लूटकर दिल का चमन, वीरान तूने किया है।
कभी तुम थे.....
जो जख्म तूने मुझको दिये है.
वहीं जख्म बाखुदा तुझे भी मिले,
मेरी वफ़ाओं का ,अच्छा सिला दिया है
तुझे बेवफा ,बेवफा ही मिले।
कभी तुम थे..
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हमीं से है,रूठे, हमीं को भुलाए..
आई याद उनकी, हमीं चले आए।
कोई शिकवा करे ,या शिकायत करे वो,
जो भी करेंगे, मुझपे इनायत करें वो.
हमीं से रूठे.....
मुझे देख कर वो ,जो.... नजरे चुराएंगे ..
पकड़ कर उनका दामन , मैं जी भर मनाऊंगा।
खामोश होंगे जो..सुर्ख लब उनके..
उनकी कसम , में उन्हें चूम लूंगा।
हमीं से रूठे......
फिर भी न माने, बाहों में भर कर ...
निगाहों से उनके, खता की सजा पूछ लूंगा।
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घिरोगे जब तुम मुसीबतों में,बड़ों की नसीहते रंग लाएगी।
पड़ेगा बुरा वक्त जो, उनकी. दी हुई नसीहत काम आएगी।
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गुगल का जब हो सहारा,
काहेको तुम रास्ता भूलो
अब वो नहीं है, चक चौहराहे,जहां
सलाह किसी से तुम ले लो।-