Yogesh Dhyani  
2.4k Followers · 49 Following

लिखता हूं जब
उड़ता हूं तब
बाकी वक्त किसी पंक्षी सा
इक पिंजरे में बंद रहता हूं
Joined 26 March 2017


लिखता हूं जब
उड़ता हूं तब
बाकी वक्त किसी पंक्षी सा
इक पिंजरे में बंद रहता हूं
Joined 26 March 2017
13 AUG 2022 AT 23:05

कभी तो रखता आंखों पर कभी चढ़ाता हूं सर पर,
कड़ी धूप है ये दुनिया,और तुम काला चश्मा हो।

-


15 JAN 2022 AT 21:30

कच्चा होगा मेरा रंग
तो बारिश मे धुल जायेगा
बातों का इत्र
तर्क की आंधी में उड़ जायेगा
कुछ होगा यदि मुझमें खास तो टिकेगा
वरना सब राख सा झड़ जायेगा
जो झड़ेगा सबसे पहले
यही दिखावा होगा....।

-


14 JAN 2022 AT 10:29

एक संसार कहीं पर होगा,
जहाँ न कोई बेघर होगा।

मदद की खातिर होंगे हाथ,
मुश्किल मे कोई गर होगा ।



-


10 JAN 2022 AT 9:08

बहुत पानी के छींटों से भिगोया आंख को अपनी,
मगर एक ख्वाब आंखों से निकलता ही नहीं बाहर।

-


9 JAN 2022 AT 8:16

सौ-सौ दरवाज़ों के पीछे छुपकर बैठा हूँ,
नहीं हूं मैं वो जो तुमको दस्तक पर मिलता है।

-


24 DEC 2021 AT 9:56

मैं इक चुप्पी मे बीत गया,
तुम बक-बक मे भी बाकी हो ।

क्या ख़ाक चलेगा मैख़ाना,
जब नशे मे खुद ही साक़ी हो ।।

-


30 OCT 2021 AT 22:25

हम तुम
कमरे की उन दो दीवारों की तरह हैं
जो न पास आती हैं
न ही दूर जा पाती हैं
एक दूसरे से ।

-


12 MAY 2019 AT 12:45

छठा तत्व

आदिकाल के
सबसे बुद्धिमान लोगों ने
झोंक दिया सारा ज्ञान
और पंहुचे सार पर
कि विलय है शरीर
पंच तत्वों का
आखिर कैसे भूल गये वो
छठे सबसे ज़रूरी तत्व को
मां !

-


9 SEP 2018 AT 23:17

बादल कई उदासी के
अम्बर को ढक लेते हैं
शाम का काला रंग मेरे
हर ओर बिखर सा जाता है
तब तेरा न होना जैसे
निर्वात सा पैदा करता है
तब हवा में सांस नहीं होती
बस धूल के मंज़र होते हैं
जब साथ नहीं होते हो तुम
तो सपने बंजर होते हैं

-


25 APR 2017 AT 13:31

पसीना कबसे कर रहा था
तुम्हारी प्रतीक्षा
छाते खुलने को थे बेताब
और आम पकने को आतुर

स्वागत है तुम्हारा ग्रीष्म
कहो क्या लोग,चाय?
हां याद आया
तुम तो ठण्डा शर्बत लेते हो

-


Fetching Yogesh Dhyani Quotes