Yogesh Chitapure   (©योगेश चितापुरे)
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Engineer, Businessman, Rifle Shooter
Joined 20 March 2020


Engineer, Businessman, Rifle Shooter
Joined 20 March 2020
16 OCT 2020 AT 22:46

हां थोड़ा परेशान हूं,
पर अभी थका नहीं,
रास्ता ढूंढ रहा हूं,
पर रास्ते से भटका नहीं..

मौसम है कोहरे का,
ये कोई धुंआ नहीं,
आहिस्ते कदम बढ़ाने है,
के रास्ता छुटे नहीं..

रात और दिन,
सृष्टि का नियम है,
कल फिर भोर होगी,
अंधेरा हमेशा रहता नहीं..

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12 OCT 2020 AT 13:09

#झलक

एक झलक तेरी सब तबाह कर गई,
दिल का सुकून मेरे फ़ना कर गई,
चला था जिस पर वो राह भूला गई,
दिख रही थी सामनें मंज़िल मुझे,
आज फिर रुठ कर कोहरे में लिपट गई...

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8 OCT 2020 AT 18:14

#लकीर
मेरा इश्क़ मुकम्मल है,
तेरे मिलन का मोहताज नहीं,
ये सिलसिला तो सदियों से हैं,
कोई कल परसों का राज नहीं..

साँसे आती जाती है,
यादें भी तो मिटती है,
मैंने रूह पर खिंची हैं 'लकीर' तेरे नाम की,
सुना है रूह पर लिखा कभी मिटता नहीं..!

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30 SEP 2020 AT 19:41

नजरा नजर
झाली तिच्याशी 'त्या' वळणावर,
बोलले नेत्र एकमेकांशी क्षणभर
लागेना जीवास उसंत आज दिवसभर..

काय बोलले डोळे
एकमेकांस काय ठावूक,
भाषा ही त्यांची गूढ अनामिक,
तरी वाटते मना संमोहक..

डोळे अन पापण्या तिच्या अति मोहक
उगवता सूर्य जसा भेदून काळोख,
पडता नजर तिची एकवार हृदयावर
खेचून घेई प्राण जसे असावे चुंबक..

नजर तिची तीक्ष्ण अन भेदक
घेतला काळजाचा ठाव अचूक,
झालो घायाळ मी ठरलो सावज
सहज टिपले तिने पाहून मज बेसावध..

नयन तिचे ते सुंदर मादक
भरले पेले मद्याचे उन्मादक,
बुडला हा जीव त्यात सखे खोल फार
किती केले प्रयत्न उतरेना नशा तिळमात्र भर..!

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20 AUG 2020 AT 15:58

छा गए बादल घने,
रासते धुन्दला गए है..
मंजिलों का दूर दूर,
नामोनिशां डूब गया है..

हाथ मे है एक चिराग,
उम्मीदों का जलता दिया..
पार कर जाएंगे दरिया,
है साथ जबतक हमसफ़र मेरा..!

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20 AUG 2020 AT 14:51

बात है कुछ अर्से पहले की,
वो मीले राहों में कहीं..
बन गया बेनाम रिश्ता,
देखते देखते निगाहों में यूंही...।

ना कोई चाहत की मैंने,
ना कोई ख्वाइश उसे..
दिल से दिल की बातें थे करते,
ना कि कोई दिल्लगी..।

चल पड़े कुछ दूरतक हम,
साथ जबतक राहें खड़ी..
मोड़ कुछ आया फिर ऐसा,
रुख़सत भी ना ले पाए कभी..।

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16 AUG 2020 AT 23:43

मौसम है ये बारिशों का,
बिजलियाँ तो लाज़मी है..
खोल कर उलझी लटोंको,
कहरे सितम वो ढा रहे है ...

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5 AUG 2020 AT 22:44

करके इज़हार कोई
खाली हाथ लौट गया,
कोई बिना कहे
सबकुछ पा गया..

हमने तो की थी
बस नज़रोसे ही बाते,
क्या जाने ऐ खुदा
वो समझें भी थे या नहीं...

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24 JUL 2020 AT 0:28

थांब ना..

गुंतले का चित्त माझे,
तुझ्या विचारी सांग ना..
ओढ ही कसली अनामिक,
मला कळू दे थांब ना..

मन का वेडे तुझे,
अन का फिरे मागे तुझ्या तू सांग ना..
दमलो करुनी पाठलाग,
थोडी उसंत मिळू दे थांब ना..

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23 JUL 2020 AT 22:40

#मजला

रोखून तिने
असे काही,
पाहिले
आज मजला,
मन एक एक
पायऱ्या चढत,
गाठते आठवणींचा
मजला...

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