रूदन छोटे दुख को जाहिर करते ,
चोट बड़ी हो तो आंसू आंख छोड़ जाते है,
लड़खड़ाती हुई ज़बान, शब्द भी कपकपाते है, ख्वाहिशों के बल उसी ने जाना, जिसे जख्म उनके सपने दे जाते है
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ये तो सीखने की आरजू ने यहां खीच लाया है🍁
रो कर सोना,
हस कर उठना ,
ये कला बखूबी आती हैं।
कोई क्या बतयेगा सार इसका,
ये ज़िंदगी है जनाब,
हर दिन कुछ नया सिखाती हैं।-
नन्हे हैं पाव, मिली दूर का सफर हैं,
शहर की बंदी से छोड़ा जिन्होंने घर हैं,
अधूरे हैं सपने आंखो में लिए,
कितनो की ज़िन्दगी यू दर-ब-दर हैं।-
आंखो में नमी नहीं होती,
खुदको यू संभाल लिया करता है,
सुबह उठते ही वो चहरे पर,
मुस्कान का मुखौटा बांध लिया करता है
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जो बीतता नहीं वक़्त मेरा,
तुझे वक़्त कम पड़ जाता हैं
हम रूठते है नमक को लेकर,
तेरा दिन रसोई में बीत जाता हैं-
रंगो की होली में गुलाल सा घुला कर,
जो भूल राहा हैं बचपन अपना,
गली के बच्चो से आज के दिन मिला कर।-
जो हसे तो मोती गिरा करती हैं,
तेरी शक्सियत से मानो फिज़ा महकती हैं
जो साथ हो तो खुशनुमा है सफर अपना,
तेरे बिन तो भरी महफ़िल भी अधूरी लगा करती हैं
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सफर भले छोटा ही राहा मगर,
खुशी इस बात की हैं,
वो कहानी तेरे हाथ में मेरे हाथ की हैं।-
Chahre ki hasi ne bataya,
Log chupate bahot hai.
Aankho me nami bhari hai,
Wo muskurate bahot haiii.-
Nazar ka Dhokha, har Roz hua hota. Galtfahmiyo ka bhi wo Safar halke se chua hota.
Bhul jate har sabd Ko tere,
Agar us din tujhse mai takraya na hota.-