Yashveer Singh  
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Joined 3 December 2018


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Joined 3 December 2018
28 JUN 2020 AT 18:54

क्यों छोड़ दी ये दुनियादारी
भूलकर बातें ये सारी
खुद ही खुद को मिटाया
खुद को खुद के करके काबिल

था तू सितारा तुझमे दम था
चाहता तो तू भी लड़ता
बेवजह बातों में पढ़कर
क्यो अपनी चमक को कम समझता

काश हो सके तो तू बात करता
खुद को ना अकेला समझता
हम सब तेरे साथ ही थे
बस एक मुलाकात तो करता

है आ रहा अब सच सामने
जब हारा है तू झूठ से
हर जगह तेरी ही फरियाद है
बस तेरी ही तो याद है
हा तुझमे ही वो बात थी
जो तुझ से खुद अंजान थी।

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20 JAN 2020 AT 23:28

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8 OCT 2019 AT 20:04

विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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8 OCT 2019 AT 18:37

मेरी मंजिलों का आसमान आज गुनगुना रहा था।
जैसे सरगम ए काबिलियत के गीत मुझको सुना रहा था।
था फ़ासला जो मेरा जमीं से आसमां की ऊंचाई के बीच का।
तो फिर यह उमंग व उत्साह के पंखों से वो लम्बी दूरियों को भी मिटा रहा था

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2 OCT 2019 AT 18:30

जो देखें थे ख्वाब कभी वो आज गुमनाम हो गए।
शहर में पड़ी गाँव की मिट्टी को लोग धूल कीचड़ कहकर बदनाम कर गए।
ऊँचे थे घर जिनके वो झोपड़ी में रहने वालों को अनपढ़ गंवार कह गए।
फिर
झोपड़ी में रहने वालों को ऊँचे घर मिल गए और पुराने ख्वाब फिर गुमनाम हो गए।😢

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5 AUG 2019 AT 20:30

ख़ुश तो तुम भी नहीं थे हमें छोड़कर
फिर क्यों चले गए यु मुख मोड़कर
माना कि छोटी-छोटी गलतियां हो जाती है सबसे
पर इसका मतलब यह तो नहीं
कि चले जाओगे तुम दिल तोड़कर😢

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2 AUG 2019 AT 18:43

ऐ खुदा सबकी ज़िन्दगी सजा दे
अब और न कोई किसी को सजा दे
आपसी मतभेद मिटे और सबमें रजा दे
असल जिन्दगी का सबको मजा दे 🙂

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29 JUL 2019 AT 21:07

मैने चाहा था कि करूँगा तुमसे प्यार
पर न कर सका इन लफ्जों से इजहार
बस यू ही हर पल में करता रहा इंतजार
मुझे लगा कि तू समझेगी मेरे दिल की बात
कभी तू आएगी और रखेगी मेरे कंधे पर हाथ
यह तो एक ख्वाब है मेरा
पर सच कहूँ तो मैं जीना चाहता हूँ तेरे साथ

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26 JUL 2019 AT 19:14

क्यो फिक्र की आग में जली है जिन्दगी
तुम साथ चले तो बढ़ी है जिन्दगी।

क्यो गुनाहों की भी माफी मिली है तेरी अदालत में
पर भरने पड़े हैं पुण्य अपने खाते में।

क्यो मशहूर हो गए अक्सर वो तेरी गली में सर झुकाकर
जो ढूंढते थे तुझे कभी जंगल में जाकर।

अब छोड़ दी वो कश्तियां मेंने जो अक्सर डुबोती थी।
और आ गये हम किनारे पर।

आज वक्त ने फिर रुख़ बदला है अपना
मेरे दिल की किताब को तुझे अब खुद है पढ़ना।

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25 JUL 2019 AT 18:40

अनुशीर्षक में पढ़े

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