नारी : जीवन का आधार
नारी से ही प्रेम है, नारी से ही भक्ति है,
हर बंधन को बांधने वाली उसमें अपार शक्ति है।
नारी से मिलती प्रेरणा, नारी से ही जीवन बना ,
नारी बिना कुछ नहीं , नारी बिना सब सूना यहां।
खुद टूट कर सभी को चाहने की, भरी उसमें ऐसी शक्ति है।
खुद की चोट को भुलाकर, मरहम सबको लगाती है।
अपना अस्तित्व भुला कर, दूसरों को संभाले रखती है।
हर बंधन को बांधने वाली उसमें अपार शक्ति है।
जीवन का आधार हो तुम, त्याग व प्रेम की मूरत हो तुम,
नफ़रत भरी इस दुनिया में , प्रेम को बांधे रखी हो तुम।
नेताओं से अभिनेताओं तक , Police force से army तक,
हर जगह बजाया उसने अपना बिगुल है।
वो नारी नहीं कोई साधारण सी, उसी से जीवन का अस्तित्व है।
उसका तुम क्या लगाओगे मोल है?
क्योंकि नारी तो है ही अनमोल है।
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