हुस्न के बाज़ार में दर-असल मुहब्बत बहुत सस्ती है या खुदा ये तेरी दुनिया अब बेगानी सी लगती है कुछ अजीज हैं मेरे जो जमाने जैसा नकाब नहीं रखते इसीलिए मेरी दुनिया तो मेरे दोस्तों में ही बसती है ♥️
तुम्हारी यादों की एक फुलवारी सजायी है मैंने हमारी मुलाकातों से उसे सींचा है मैंने सुनो जाना ! तुम जल्दी आना देखने .. हर एक फूल में बस तुम्हारा ही अक्स देखा है मैंने ♥️