मुझे कोई वचन नही चाहिए
हमारी शादी के मंडप में,
तुम बस मुस्कुराना और कह देना कि
अब मेरी मुस्कुराहट तुमसे ही है।
तुम्हारे साथ मेरी कोई तस्वीर नहीं है
पर फिर भी तुम मुझे,
रोज ख्वाबों में याद करते हो
जब सुबह तुमसे कुछ पूछूं, ये कह देना।
और मुझे ये बताना हर बार कि
तुम चाहते हो, मेरे साथ वक़्त बिताना
बिना वक़्त देखे हुए,
चाहते हो कि वक़्त ठहर जाए।
कभी आँखों से इज़हार करना तुम
मेरी गलतियों पर नजरंदाज न कर,
तुम बस ज़रा सा गुस्सा कर, फिर सब कुछ संभाल लेना।
और जब मैं करूं कोई शिकायत तुमसे,
तुम बिना कुछ कहे मुझे गले लगा लेना।
मेरी मुस्कुराहट को तवज्जो देना तुम
पर जब आँखें नम हों मेरी तो तुम मुझे मना लेना।
मैं तुमसे हर रोज हर बार यही कहूंगी कि,
मुझे पसंद है तुम्हारी बातों को सुनना
और तुम्हें देखते रहना बिन वजह भी!!
- YASHI AWASTHI
-