yashendra Kumar   (Y. K. Gupta)
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Apne dreams to sirf aankho k liye hote
Warna sapne to Maa baap k Poore hote h
Joined 9 May 2019


Apne dreams to sirf aankho k liye hote
Warna sapne to Maa baap k Poore hote h
Joined 9 May 2019
25 SEP 2020 AT 19:38

कुछ इस तरह ज़िन्दगी spend हो रही है,,
सपनों में जीना अच्छा लगता है,
और
हकीकत खर्च हो रही है।।
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20 APR 2020 AT 22:14

आवाज़ लगाई,तो वो अनसुनी हो गई,
जब पूछा उससे तो हमें ही गलतफहमी हो गई।
जानकर सब अनसुना करना,एक खूबी सी थी उसमें,
और हम लगा की चलो सच्ची मोहब्बत हो गई।

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8 APR 2020 AT 9:32

ये बदलते माहौल का एक ऐसा पहर है , जहां हर गली मोहल्ले में किसी अनजान का कहर है ।

साथ देदो थोड़ा सा ये इंसनियत तुमसे कहती है , वरना गरीबों से तो आज भी गरीबी , लाइन में ही लगने को कहती है ।

बड़ी मुश्किल से सब नियंत्रण हो रहा है , इससे बिगाड़ो मत , घर पर ही रहो , बाहर निकलकर मुसीबतों को और फैलाओ मत।

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6 APR 2020 AT 19:03

इन पन्नों पर भी तुम्हे कब तक लिखूं,
एक दिन ये भी भर जाएंगे।
जिन लाइन को इतना सजाते है हम,
एक दिन इन्हीं में कहीं अपना घर बनाएंगे।
बड़ा शहर नहीं तो क्या हुआ,
छोटा सा गांव होगा हमारे पास।
रुक कर वहीं किसी खिलखिलाते खेत में,
लिखे तुम्हारे अल्फजो को गुनगुनाते हुए
वहीं थम जाएंगे।

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4 APR 2020 AT 18:50

जिस अख़बार को तुम रोज़ाना इतने शगल से पड़ती हो,
एक दिन मेरा भी एक छोटा सा इश्तहार उसमे मौजूद पाओगी।
शाम तक राह देख रहा होगा कोई तुम्हारी, बिना हलचल किए,
लेकिन अगर रात हो गई तो मुझे भी इस काली रात में ही कहीं गुमशुदा पाओगी।

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30 MAR 2020 AT 11:54

बदल गई हो तुम से लेकर,
संभल गया हूं में , तक का सफर ।
फ़िक्र फिर भी होती हैं , तेरे दिल से न सही मेरे दिल तक,
और इसके बावजूद बुरा में क्यू बन गया मगर । ।

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27 MAR 2020 AT 18:08

उसकी भी एक अलग ही भूमिका है
रिश्ता नहीं है उससे हमारा कोई
लेकिन फिर भी वो हमारे रिश्तेदार जैसा है

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26 MAR 2020 AT 20:13

आसमान में उड़ते परिंदे भी आजाद नहीं है,
जीने के लिए सांसें तो है पर ज़िंदगी साथ नहीं है।
भर आती है ये आंखे तेरी हकीकत को दोबारा सुनकर,
लेकिन सुना है कि तुम्हे तो लोगो की भावनाओं का ज़रा सा भी दरकार नहीं है।।

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25 MAR 2020 AT 21:30

सुनता सबकी हूं,
लेकिन शांत रहता हूं।
बोलता उसी से हूं,
जिसको जान लेता हूं।
ये मत समझना कि तुमसे अब बात नहीं होती है,
बस में इंतजार कर रहा हूं,
जब तक दोबारा मुलाकात नहीं होती है।

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24 MAR 2020 AT 18:43

कुछ लोगों के इश्क़ का क्या कहना,
कहते बस तुमसे नहीं,लेकिन वो तो इश्क़ का कारोबार खोले बैठें है।
अच्छा हुआ कि हम वहां से बाहर आ गए,,
जहां पर आप,हम जैसे हजारों का व्यापार करने करने के लिए बैठे है।।।।

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