Yashaswi Rao   (यशस्वी "यश")
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वसुधैव कुटुम्बकम
Joined 1 November 2020


वसुधैव कुटुम्बकम
Joined 1 November 2020
14 FEB 2022 AT 14:00

मेरे वतन की हवाओं में खुशनुमा मकरंद है,
क्योंकि फिजाओं में अमर बलिदानीयों की सौगंध है...
पुलवामा के अमर बलिदानीयों को सादर नमन्

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16 MAY 2021 AT 9:05

बचा लो उन गाँवों को,
जो शहरों-कस्बों की छांव है
बचा लो उन गाँवों को,
जिनमें मिट्टी का 'भाव' है....

#Coronaattack

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10 MAY 2021 AT 18:43


जिंदगी जीने का मजा एक चुनौती है,
संघर्षों की तपिश में खिलती धूप चुनौती है,
उपहारों में 'उपहासों' की भेंट चुनौती है,
ठोकर खाना,गिर कर उठना एक चुनौती है
अपनों से अपनापन पाना एक चुनौती है,
दुनिया को फिर अपना बनाना एक चुनौती है
नकार चुके जब हमें ज़माना एक चुनौती है,
टूटे हुए ज़स्बात को पाना एक चुनौती है
आज चुनौती है,कल चुनौती है
दर्द में मुस्कुरा कर जीना 'रोज चुनौती है'

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10 MAY 2021 AT 9:09

यह नफरत बुरी है,ना पालो इसे
दिलों में कलेश है,निकालो इसे
ना तेरा, ना मेरा,ना इसका,ना उसका
यह सब का वतन है,बचा लो इसे

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8 MAY 2021 AT 17:44

इतिहास याद रखेगा जब संकट काल में कुछ लोग "दधीचि" बन त्याग की हड्डीयाँ गला रहे थे वही कुछ लोग
आलोचना,लालच,कालाबाजारी,अवसरवादी कार्य कर उपहास उड़ा रहे थे...

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16 MAR 2021 AT 11:00

मुझे अक्सर तौला गया
जस्बातों की तराजू मैं,
जबकि मैं दुनिया को
हमराह समझता रहा

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4 FEB 2021 AT 12:48

आंदोलन और उसकी मांगे सही या गलत,
यह मेरे देश का विषय है,किंतु फिरंगी चतुर सेना के किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता मेरी 'संप्रभुता' को नहीं है,
चाहे कोई पॉपस्टार हो या फूटा गिटार

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27 JAN 2021 AT 21:37

कुछ को दिखे 'किसान'
कुछ को दिखी 'सरकार'
अराजकता में जलता रहा,
लोकतंत्र का 'विचार'
कुछ बैठे 'चश्मा' चढ़ाये
फेसबुकिया 'ठेकेदार'

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18 JAN 2021 AT 22:47

जो ना बनने लायक धूल
वो "सितारे" हो गये
हमारी मूर्खता से वो,
अभिव्यक्ति के सहारे हो गये....
TANDAV

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13 JAN 2021 AT 8:41

स्वंय में जीवंत हो जाना,
कलुषित अंत हो जाना,
सार्थक अनंत हो जाना,
निष्काम सेवा मे,
दिग् दिगंत हो जाना....

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