Watching others story
Leads me to
Hate my own story-
Yash
(Rhythm)
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Joined 5 March 2017
19 MAR 2024 AT 0:03
After a long time, under the same sky.
Where I left you last time, after a long time.-
28 FEB 2022 AT 23:39
वक्त के शाखाओं पर यादों की पत्तियां जुड़ी है,
लगता है कभी गिर जाएगी,
पर लौट कर,
नए दिन,
वही यादों को,
सामने लाएगी,
फिर वो टूट कर गिर जाएगी...-
23 DEC 2021 AT 23:43
कर्म किया?
कौनसा कर्म किया?
कौनसा कर्म कब किया?
राहों में यही सवाल पड़े रह जाते है,
जब कर्म भी सही हो, वक्त भी सही था.
किसके कर्म का असर किसी पर हुआ होगा...-
2 NOV 2021 AT 0:51
इस भागदौड़ भरी जिंदगी में,
लोग ऐसे मुसाफिर बने की रास्ते में,
रुक जाने का,
ठिकाना ना रहा...-
2 NOV 2021 AT 0:39
सोचने में वक्त निकला,
करना चाहा तो जिंदगी निकल गई,
फिर अब सोचने में जिंदगी निकाल रहे है,
क्या सोचा था तब?
की क्या कर न पाए तब?-