Yash Zassi
(Yash zassi)
26 Followers · 15 Following
आपने समय निकाला.. इसके लिए धन्यवाद🙏
Joined 3 February 2021
6 JUN 2021 AT 12:52
ये किस मक़ाम पे लाई है मेरी तन्हाई
कि मुझ से आज कोई बद-गुमाँ नहीं होता
-
6 JUN 2021 AT 12:51
थके-हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटें
सलीक़ा-मंद शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है
-
6 JUN 2021 AT 12:51
क्या दुख है समुंदर को बता भी नहीं सकता
आँसू की तरह आँख तक आ भी नहीं सकता
-
6 JUN 2021 AT 12:49
तिरे ख़याल के हाथों कुछ ऐसा बिखरा हूँ
कि जैसे बच्चा किताबें इधर उधर कर दे
-
6 JUN 2021 AT 12:49
भरे मकाँ का भी अपना नशा है क्या जाने
शराब-ख़ाने में रातें गुज़ारने वाला
-
6 JUN 2021 AT 12:47
जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से
कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो
-
6 JUN 2021 AT 12:46
मैं जिन दिनों तिरे बारे में सोचता हूँ बहुत
उन्हीं दिनों तो ये दुनिया समझ में आती है
-