HUM-TUM
लोग देखेंगे तो अफ़साना बना डालेंगे,
यूँ मेरे दिल में चले आओ की आहट भी न हो!!-
RANDOM
मोहब्बत में हम उनसे भी हारे हैं
जो कहते थे हम सिर्फ़ तुम्हारे हैं।।-
JUST-FOR-FUN
कौन शरमा रहा है आज – यूँ हमें फ़ुर्सत में याद कर के,
हिचकियाँ आना’ तो चाह रही हैं, पर “हिच-किचा” सी रही है!-
INTROSPECTION
मैंने महसूस किया है मरे हुए लोगो को कितनी जल्दी भुला दिया जाता है उनके अपनो से उनके सग़े संबंधियों से उनके साथ रहने वालों से और उन लोगो के द्वारा भी जो या तो उन्हें पैदा करते है या साथ कई जन्म रहने की क़समे पढ़ते है
ढंग से देखो तो लोगो में अब बस इक सांत्वना मात्र ही रह गई है किसी के जाने के बाद लोगो को भुला दिये जाने की रश्म अब 13 दिन भी बमुश्किले रह गई है
कभी कभी तो ऐसा लगता है की लोग दुःखी भी इसलिए होते है की अरे ग़र मैं दुःखी नहीं हुआ उसके जाने से या उसके ना रहने से तो जमाना ग़लत सोचेगा या यू कह ले की लोग इसलिए दुःखी हो लेते या रो लेते की आदतन समाज में इक रिवायत चली आयी है
व्यक्तिगत तौर पे मैंने ये महसूस किया है की किसी का ज़िंदगी से भी चला जाना सालो सालो या कई महीनों लग जाते है उसकी भरपायी नहीं होती तो किसी इंसान का दुनिया से चले जाना लोगो से इक पल में भुला देना वाक़ई स्तब्ध कर देता है
#ख़ैर
ये जान लेना भी बहुत ज़रूरी है कि इस समय में लोग मरे हुए इंसान को चंद घंटों या चंद दिनों में भुला देते है
इस भौतिकवाद की दुनिया में हम सब के अंदर के भावतक्मक इंसान को कही ना कही मार दिया है-
COMMUNICATION-GAP
लबों पे आके ठहर गई, बातें कुछ अनकही सी,
ज़िद थी इस बार, शुरुआत वो करे।
आंखे दर्द बयां कर रही थी,पर दिल ज़िद पे अडा था,
वो रूठा था किसी बात पे,और वो अडी थी अपने सम्मान पे।
खता थी न दोनों की,फिर भी खफा दोनों थे,
एक को खोने का डर था,दूजे की वफा पे प्रश्न था।
वो प्रेम की गहराई उसकी जाने,
वो अपना प्रेम उसी को माने,
फिर कैसी ज़िद पे दोनों अडे है,
साथ होके क्यों अलग खड़े हैं।
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I MISSED YOU
मेरी चाहत देखनी है तो मेरे दिल पर,
अपना दिल रखकर देख,
तेरी धड़कन न बढ़ जाये तो मेरी,
मोहब्बत ठुकरा देना।-
BITTER-REALITY
इंसान की किरदार की दो ही मंजिले है
या दिल में उतर जाये या दिल से उतर जाये-
RANDOM-SHAYARI
वो सरफिरी हवा थी सँभलना पड़ा मुझे
मैं आख़िरी चराग़ था जलना पड़ा मुझे|
महसूस कर रहा था उसे अपने आस पास
अपना ख़याल ख़ुद ही बदलना पड़ा मुझे|-
LIFE-JOURNEY
For me, becoming isn’t about arriving somewhere or achieving a certain aim. I see it instead as forward motion, a means of evolving, a way to reach continuously toward a better self. The journey doesn’t end.-
Dear love...
प्यार,
मोहब्बत,
आशिक़ी...ये बस अल्फाज थे,
मगर जब से तुम मिले इन अल्फाजो को मायने मिले।।-