Yash Sharma   (Yash Sharma)
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Joined 24 November 2019


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2 JUN 2024 AT 21:49

जिस खास के लिए आप खास नहीं उसे आम कीजिए और किस्सा तमाम कीजिए

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24 MAY 2024 AT 23:21

बहुत अजमा लिया मैंने खुद को तेरा सोच कर, --2

तकालुफ़ एस बात की हा के तू वो नहीं रहा जो हमने

पाया था

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16 SEP 2023 AT 22:50

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे

जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे

मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का

इरादा मैं ने किया था कि छोड़ दूँगा उसे

बचा के रखता है वो मुझ से शीशा-बदन

उसे ये डर है कि मैं तोड़ फोड़ दूँगा उसे

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31 AUG 2023 AT 11:51

तुम्हारे साथ खामोश भी रहूँ,

तो बातें पूरी हो जाती हैं..

तुम में, तुम से, तुम पर ही

मेरी दुनिया पूरी हो जाती है!

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16 AUG 2023 AT 23:12

तुमसे पहले तो बिगड़ी हुई बात थी

तेरे आने से ख़ुशियों की बरसात थी

अब तो मैं कारवां हूँ मगर मेरे संग

कोई भी जब नहीं था तो तू साथ थी

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7 MAY 2023 AT 20:39

बसंत के फूलों जैसी लगती हो तुम,
जब खिलखिला के हँसती तो तुम,
गुम हो जाता हूँ मैं तुम में ही कहीं
इतने अच्छे क्यों लगती हो तुम,
हो मगर किसी आजाद परिंदे जैसे
आता हूँ करीब तो उड़ने लगती हो तुम,
सोचता हूँ आओगी कब मेरे आँगन,
दूर गगन में जैसे कहीं रहतीं हो तुम,
दुनिया से कर लिया है मैंने किनारा,
अब मेरे दिल मे सिर्फ बसती हो तुम,

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14 APR 2023 AT 21:02

ये जो मैं कुछ-कुछ लिखता हूँ ,
ये बस अल्फ़ाज़ हैं मेरे ,
सितमगर, मेरे जज़्बात ना समझो ,
क़लम लिखती है ज़माने भर की कहानियाँ ,
हसीं शब्दों को तुम दिल के राज़ ना समझो ...

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2 JAN 2023 AT 23:50

हम भी तुम्हे
सताने पर आ गए तो क्या होगा
और दिल दुखाने पर आ
जाये तो क्या होगा

और तुम करती हो पीठ पीछे बुराई
अगर हम तुम्हारे सच बताने पर उतर आये
तो क्या होगा

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6 AUG 2022 AT 20:38

माफ़ गलतियों को किया जाता है
हरकतों को नहीं
बदला आदतों को जाता है फितरतों को नहीं

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18 JUL 2022 AT 16:40

जिन्हे हसना सिखाया था, उन्होंने ही रुलाया है
जिनके वास्ते हर पल,मेने सबकुछ लुटाया है
पौछ आंसू हमेशा जख्म पर मरहम लगाया है
मुसीबत के समय मे साथ हस कर के निभाया है
लेकिन उन्ही के हाथों से मैंने खाया धोखा है
उन्ही की नज़रो मे आज बना बेकार बैठा हूँ
हार कर श्याम बाबा मे तेरे दरबार बैठा हूँ।

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