जिस खास के लिए आप खास नहीं उसे आम कीजिए और किस्सा तमाम कीजिए
-
मरीजों का देखकर हाल सबका दिल कांपता है,
ये डॉक्टर के बस की बात है जो संभालता है।... read more
बहुत अजमा लिया मैंने खुद को तेरा सोच कर, --2
तकालुफ़ एस बात की हा के तू वो नहीं रहा जो हमने
पाया था-
कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का
इरादा मैं ने किया था कि छोड़ दूँगा उसे
बचा के रखता है वो मुझ से शीशा-बदन
उसे ये डर है कि मैं तोड़ फोड़ दूँगा उसे-
तुम्हारे साथ खामोश भी रहूँ,
तो बातें पूरी हो जाती हैं..
तुम में, तुम से, तुम पर ही
मेरी दुनिया पूरी हो जाती है!-
तुमसे पहले तो बिगड़ी हुई बात थी
तेरे आने से ख़ुशियों की बरसात थी
अब तो मैं कारवां हूँ मगर मेरे संग
कोई भी जब नहीं था तो तू साथ थी-
बसंत के फूलों जैसी लगती हो तुम,
जब खिलखिला के हँसती तो तुम,
गुम हो जाता हूँ मैं तुम में ही कहीं
इतने अच्छे क्यों लगती हो तुम,
हो मगर किसी आजाद परिंदे जैसे
आता हूँ करीब तो उड़ने लगती हो तुम,
सोचता हूँ आओगी कब मेरे आँगन,
दूर गगन में जैसे कहीं रहतीं हो तुम,
दुनिया से कर लिया है मैंने किनारा,
अब मेरे दिल मे सिर्फ बसती हो तुम,
-
ये जो मैं कुछ-कुछ लिखता हूँ ,
ये बस अल्फ़ाज़ हैं मेरे ,
सितमगर, मेरे जज़्बात ना समझो ,
क़लम लिखती है ज़माने भर की कहानियाँ ,
हसीं शब्दों को तुम दिल के राज़ ना समझो ...
-
हम भी तुम्हे
सताने पर आ गए तो क्या होगा
और दिल दुखाने पर आ
जाये तो क्या होगा
और तुम करती हो पीठ पीछे बुराई
अगर हम तुम्हारे सच बताने पर उतर आये
तो क्या होगा-
माफ़ गलतियों को किया जाता है
हरकतों को नहीं
बदला आदतों को जाता है फितरतों को नहीं-
जिन्हे हसना सिखाया था, उन्होंने ही रुलाया है
जिनके वास्ते हर पल,मेने सबकुछ लुटाया है
पौछ आंसू हमेशा जख्म पर मरहम लगाया है
मुसीबत के समय मे साथ हस कर के निभाया है
लेकिन उन्ही के हाथों से मैंने खाया धोखा है
उन्ही की नज़रो मे आज बना बेकार बैठा हूँ
हार कर श्याम बाबा मे तेरे दरबार बैठा हूँ।-