Yash Pandit   (Silent_feeling_narrator)
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Joined 4 December 2017


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Joined 4 December 2017
15 FEB 2019 AT 6:06

रात जवान हैं ,नासाज से कुछ फांसले
आज कलउनके ओर हमारे दरमियान है।
आज फिर आंखे नम है,
दिल में गम है,
जहन में सनम है,
ना जाने ये-कैसा वक़्त का ये सितम है,
अंदर-ही-अंदर से टूटा हे मेहबूब,
तो नफज हमारी भी मद्धम-मद्धम है
नजाने मची केसी मेरे अंदर ये कौतूहल है
To be continued...

Silent_feeling_narrator

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28 JAN 2019 AT 6:51

ना जाने क्यू आज कल एक अजीब सी कशमकश में रहने लगा हूँ।

बहुत सारे स्वलातो के जवाब पूछना चाहता हूँ पर ना जाने क्यों चुप-चुप रहने लगा हूँ।

इतनी शिदत से तुझसे मोहब्बत की,के जानम तुझे खो देने के कहायल से बेचैन हो जाता हूँ ।

हर-मजीद-मन्दिर-दरगह-हर-गिरजाघर में जाकर मैंने सकूँन-ई-तासबुर को पाना चाहा है||

बदला नही हूँ में बस कहि खो न दु तुझको इस डर से खुद के जज्बातो को अकेले मैं अश्कों की माला में पिरोने लगा हूँ।|

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9 SEP 2018 AT 20:41





G=Genuine
U=unique
N=noughty
D=dashing
A=angry to soon
And stand for
Y= yesterday
bcz Gunday never think about past

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18 AUG 2018 AT 22:46

जिंदगी आज दर्द~ए~मोहब्बत के,
उस मूड पर है यारो,

जहा किसी ओर से इश्क़,
हो पाना मुनासिब नहीं।

और उस हरजाई को भुला पाना,
इस दिल~ए~नादान को वाजिब नहीं।।

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14 AUG 2018 AT 2:26

दिल के दर्द को निगाहों ने,
अश्कों की बरसात कर बहाया है,
हा आज हमने कर के लाख जतन
तुझ बेवफा को भुलाया है।।

फ़ोन से तेरी हर तस्वीर को आज मैंने हटाया है,
तेरी वो झूटी जानू सोना वाली बातों के,
हर खत को मैंने आज जलाया है।।।

बा~मुश्किल तेरी साथ गुजारे हर~पल,
हर~अहसास को आज मिटा पाया हूं।।।
तेरे लिए उठते हर जज्बात को मार कर
आज बा~मुश्किल तुझे इस
दिल~के~शामियाने से बाहर कर पाया हूं।।

आज एक अरसे बाद,
तुझ को भुला के खुद को पाया है।।
तेरा वो पहली मुलाकात पर दिया गुलाब जो
कभी रखते थे हिफाजत से किताब में,
आज उस गुलाब को जला के इस,
दिल~ए~नादान को बहुत सुकून आया है।।

-silent_feeling_narrator

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11 AUG 2018 AT 23:25

एक तरफी मौहब्बत ने यारो,
दो तरफी जिंदगी जीना सीखा दिया।।

तन्हा होकर भी महफ़िल मे लबो पर,
झूटी मुस्कान रखने की कला को सीखा दिया।।

मेरी एक तरफी मौहब्बत ने,
तुझे मेरे हँसने~रोने की वज़ह बना दिया।।

हा सच है की अब जरूरी नही मेरा,
तुझसे इश्क़ करने के लिए तुमसे मुहख़ातिब होना,

क्यो के मेरी एक तरफी मौहब्बत ने,
मुझको मेरे जज्बातों को छुपाना सीखा दिया।।।

-silent_feeling_narrator

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10 AUG 2018 AT 23:11

नहीं हूं अकेला में इन राहों में,
ओर भी बहुत से दिल-जले मुसाफिर है,
जो हार के अपना वजूद तक,
फिर भी चल रहे है,
इस मंजिल~ए~मोह्ब्बत की राहों में।।।
-silent_feeling_narrator

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9 AUG 2018 AT 23:13

तेरी लगाई दिल की आग को रोज,अश्को~की~बरसात से
भुजाने की कोशिश करता हूँ।।।

तेरे साथ बिताई हर रात को,रोज पैमाने~में~शराब के साथ
भुलाने की कोशिश करता हूं।।।

तेरी वो झूटी~फरेबी बातो को,भुलाने की कोशिश में रातो को घंटों,अपनी तन्हाई से गुफ़्तगू मैं करता हूँ।।।

अब फिर से उल्फत~ऐ~आशिक़ी
तो ना होगी इस दिल से पर,

तेरी साथ गुजरे हर पल-हर याद,को मिटाने के लिए हर रोज
एक नए हसीन चहरे से झूटी मोह्ब्बत मैं करता हूं ।।।

-silent_feeling_narrator





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6 AUG 2018 AT 23:49

वक़्त वक़्त की बात है।
वरना कहा किसी इंसान की कोई औक़ात है।

बीत गया जो कल वो वक़्त तेरा था ।
मेरे हर पल हर बात में सिर्फ जीकर तेरा था ।
मेरे दिलो-दिमाग पर छाया तेरे हुस्न का पहरा था।

वो तो मेरे बुरे वक़्त ने तेरी हक़ीक़त दिखा दी
तूने चंद ऐशो-अराम के लिए मेरी मोह्ब्बत ठुकरा दी।।

पर अब मेरे रब ने फिर सही वक़्त पर मेरा वक़्त बदला है
के तू भी मिलेगी वक़्त लेकर वक़्त पर मुझसे
मेरे खुदा ने मेरे मुकदर में ऐसा वक़्त लिखा है।।

-silent_feeling_narrator

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1 AUG 2018 AT 10:47

खता आपकी नही हमारी थी
आप मुस्कुरा कर दोस्ती में यार~यार करते थे,
ओर हम ना समझ प्यार कर बैठे।।

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