अचानक एक खालीपन सा छा जाता है ,
सब छोड़ दिल कहीं दूर जाना चाहता है !!
ना कोई वज़ह और ना कोई दुःख होता है ,
बेवज़ह ही दिल अकेले में रोना चाहता है !!
खाली बैठे बैठे ही अजीब सी थकान होती है ,
शायद ये दिल भी थोड़ा आराम चाहता है !!
अकेले बैठकर फ़िर आँखों से बरसात होती है ,
बेमौसम बारिश से रूह को सुकूँ मिल जाता है ।
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