पिता ने तो घर का सब कुछ वार दिया,
अपनी खुशी का हर मोती संसार दिया।
जिस घर में रौनक थी उसकी हंसी से,
उस घर का सबसे कीमती
हिस्सा उन्होंने दे दिया।
पर कौन समझेगा इस पीड़ा को?
जो हर छोटी बात में कमी निकालते हैं।
हे प्रभु, एक अरमान है मेरा......
उन्हें भी एक बेटी का वरदान देना,
जो उनके दिल में ममता का संचार कर दे
जो उनके अहंकार को चकनाचूर कर दे।
जब वे अपनी बेटी को विदा करेंगे,
हर छोटी बात पर कांप जाएंगे।
तब समझेंगे वे पिता का त्याग,
और हर छोटी परेशानी का असली स्वाद।-
एहसास खत्म हो चुके है
जिंदा तो है मगर
सांसे थाम चुके है
जाना तो दूर चाहते है मगर
खुद को बांध चुके है
लिखना तो बहुत कुछ चाहते है मगर
कागज तो सिमट चुके है-
लेकिन तुम्हें सारी हदों को
पार करके चाहा था हमने
तुमने तो चंद लम्हों में
सब मिटा दिया....😌-
न तुम पहले जैसे रहे
न वो बात रही.....
बदला है लहजा तुम्हारा
मानो हर बार गलती हमारी ही रही
बदलेगा जब मेरा नजरिया
फिर मत कहना की
वो पहले वाली बात न रही.....-
चुपचाप रात की चादर में, उसकी चीखें दबी रहीं,
आसमान में तारे चमकते रहे, पर उसकी आँखें भीगती रहीं।
क्या उसका कोई दोष था? या बस किस्मत की मार थी,
एक बेटी गई, और फिर एक घर सूना हुआ।
समाज ने बस नज़रें फेरीं, दर्द में डूबी वो अकेली रही,
चुप्पियों में लिपटे सवाल बहुत थे,
पर जवाब किसी के पास नहीं थे।
एक हंसता-खेलता सपना था,जो टूटा बेआवाज़,
उसकी ख़ामोशी चीख रही थी,
पर कोई सुनने वाला न था।
अब वो तारा बन गई है,
आसमान में कहीं खो गई,
पर उसकी यादें ज़िंदा हैं,
जो हर दिल को छू गई।-
हर बेटी के चेहरे की मुस्कान है वो
हर बेटे का अभिमान है वो
दुनिया में हमारे लिए भगवान है वो...
हमारे घर की शान है वो
हमारे अस्तित्व की पहचान है वो
दुनिया में हमारे लिए भगवान है वो...
❤️ पिता...🩷🩷-
उसके साथ बिताए हुए पल
लगता है फिर वापस आयेंगे वो पल
नहीं आयेंगे वापस वो पल
जी लेंगे उन्हीं पलों में अपना कल-
खूबियां ढूंढी थी कल जिसने
आज उन्हीं को कमियां बता दिया
मिल क्या गए उनको आसानी से
तो उन्होंने अपने अच्छे
कर्मों का फल बता दिया...-
हर दर्द सहने की क्षमता होती है
क्योंकि वो एक स्त्री है,
जो अकेले में रो कर
सबके सामने खुश होती है
क्योंकि वो एक स्त्री है
परेशानियों से लड़ कर, गिर कर
संभलकर फिर एक बार खड़ी होती है
क्योंकि वो एक स्त्री है....-