तेज मुख पर, ज्यों आभा उदित, शक्ल मनुहार लगे,
मुस्कुराहट तेरी देख के, लगे की जग साथ चले ।
प्रीत की इक वो मूरत तू है, जिसकी कल्पना न दूजी कोई,
तुझसे जब-जब जुड़ूं तो लागे, खुद में इक विश्वास जगे ।
♥️ Happy Janmashtmi ♥️-
मोहब्बत की गलियों में तुझको मीरा का श्याम लिखा है,
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तुमसे मिलना, खुद से मिलने की पहली बुनियाद बने,
मेरे साथी, सफ़र अपना ये, हम-दोनों की याद बने ।
कुछ कच्चा, कुछ पक्का सा, छूटा कुछ, कुछ याद रहा,
हर एक मोड़ की उलझन और थामी कलाई याद बने ।
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एक डोर मोहब्बत का बांधा है कलाई पर,
तेरे संग ओ भाई जोड़ा नाता है कलाई पर,
दिल के रिश्ते को उम्मीदों की डोर से,
संजोया है मैने तेरी कलाई पर ।
तकरार भरे वो दिन, प्यार भरी शामें,
वो रूठना मनाना, संग गुजरे जो त्योहारें,
यादों के दामन के संग जज़्बात कलाई पर,
एक डोर मोहब्बत का बांधा है कलाई पर ।
तेरे संग बहाये कितने पानी में कस्ती,
है अनमोल वो यादें न मोल है उनकी सस्ती,
खेल-खेल में हंसना-रोना, है यादें कितनी कलाई पर,
एक डोर मोहब्बत का बांधा है कलाई पर ।
एक दूजे से लड़ना, एक दूजे संग लड़ना,
एक संग जो देखा हमने खुबसूरत सपना,
सपनों से हकीकत की सफर है कलाई पर,
एक डोर मोहब्बत का बांधा है कलाई पर ।-
औरत-
जो पत्नी बनते-बनते यह भूल गई कि उसका कोई और किरदार भी है ।
मर्द -
जो 'पति-परमेश्वर' की बात को इतना सच मान लेते है, कि भूल गए; अगर औरत 'देवी' बन गई तो नजारा क्या होगा ।-
अगर भारतीय महिलाओं को बातें छुपाने के लिए पुरस्कार दिया जाए तो सबसे आगे "पत्नियां" खड़ी होगी ।
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"O Shadow"
When the light goes down,
and the darkness spread all over the sky,
You hide yourself in that dark world and make your world,
You don't need any body, object or name,
For pursuing your identity,
You can laugh, weep, love and joy in own way,
You can follow your path and your dream,
You can find your identity in the beauty of the darkness.
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किसी अनकहे सवालों के जवाब जानने के लिए,
किसी खामोश लहरो को देख, खुद की बेचैनी समझने के लिए,
एक सफ़र-ए-अंत और एक सफ़र-ए-आगाज के लिए,
एक नए किरदार में खुद को ढ़ालना जरुरी है,
हां, अब लौटना जरूरी है ।
जरूरी है, खुद में एक नई उड़ान भरना,
जरूरी है, दहलीज को अब पार करना,
किसी ख्याल में खुद को डूबाए, जो जी लेते कभी एक उम्र हम,
उस ख्याल-ए-बुनियाद को अब आजाद करना जरूरी है,
हां, अब लौटना जरूरी है ।
मोहब्बत के नाम हुए, उस गुलाब के नहीं,
भोर की लालिमा में जो खुद को बिखेर दे, उस रातरानी की महक में घुलकर,
परखना है मुझे अब कृष्ण को, रुक्मिणी के रंग में घुलकर,
मोहब्बत-चाहत, सपना-भरोसा के जंग और दोराहे को पहचानना जरूरी है,
हां, अब लौटना जरूरी है ।
जरूरी है, खुद का नया किरदार जीना,
जरूरी है, खुद को जरा गुमनाम करना,
एक बेनाम सी बेचैनी, जो भटकती रही मुझमें ताउम्र,
उस बेचैन फसाने के स्याह से, खुद की बेचैनी का अब नया आगाज करना जरूरी है,
हां, अब लौटना जरूरी है ।-
होलिका
कई युग अब बीत गए, कई फिर बीत जाएंगे,
हर बरस यह मौसम फिर उसी रूत में आएंगे,
हर बरस चिंगारी लगेगी याद कोई झूलस जाएंगे,
मगर कहो क्या याद उसकी कभी मिट पाएंगे ।
जला रहे हर बरस जिसे, क्या वह बस होलीका है,
कसूर उसकी बुराई थी बस, या फिर कर्म उसका है,
कर्मो का भार ढ़ोते-ढ़ोते जीवन यूं कट जाएंगे,
मगर कहो क्या याद उसकी कभी मिट पाएंगे ।
अच्छा सोचो कर्म उसका अगर प्रेम का होता,
समझ सकती प्रेम को, भक्ति से नाता होता,
हिरण कश्यप का रौद्र रूप,और प्रहलाद की भक्ति से क्या कभी हम मिल पाते,
मगर कहो क्या याद उसकी कभी मिट पाएंगे ।
यह न सोचो मुझको उससे कोई हमदर्दी है साथी,
मुझको ना कोई बैर उससे, न कोई सहानुभूति है साथी,
सोचती हूं मगर हां,गर बुराई न होती जग में, तो अच्छाई क्या मिल पाएंगे,
मगर सोचो याद उसकी क्या कभी मिट पाएंगे।
पैमाना क्या होगा फिर अच्छे बुरे कर्मों का,
दिल की जिद किस जगह कहे कि अब लौट जाएंगे,
विष्णु के उस अवतार से क्या हम मिल पाएंगे,
मगर कहो क्या याद उसकी कभी मिट पाएंगे ।
होलिका के मर्म को कर्म से जाना है हमने,
उसके होने की वजह से, खुद को पहचाना है हमने,
होली एक एहसास है, प्रेम, भक्ति, विश्वास का, जो कभी ना खत्म हो पाएंगे,
मगर कहो क्या याद उसकी कभी मिट पाएंगे ।-
फूल बस प्रेम का अधिकारी तो नहीं,
कई रंग इससे जा मिलते हैं,कई रंगों से मिलने पर,
मोहब्बत तो मेरे जानां,कई बाद में आती है, ।
सर्द मौसम की सुबह,जब ओस संग ये खिले,
उम्मीद और मुस्कुराहट के रंग दे जाती है,
दोपहर की धूप में,हरियाली संग जब चमके,
छांव बन वो सुकून दे जाती है,
और शाम,तन्हाई में गर इससे मिलो,
तो तुम्हारे एकाकीपन में साथी बन जाती है,
ये फूल बस मोहब्बत नहीं,जीवन के कई किस्से, कई आयामों में बंध जाती है ।
किसी के प्रेम में ये कब्र पर इबादत बन जाती है,
किसी के प्रेम में धूल तले,शहादत बन जाती है,
कोई कवि इसमें अपनी कविता ढूंढता है,
तो किसी बैरागी के लिए ये बस एक दर्शन बन जाती है,
ये फूल बस मोहब्बत नहीं,जीवन के कई किस्से, कई आयामों में बंध जाती है ।
कभी प्रेम में मिले,किसी प्रेम की निशानी बन जाती है,
कभी उसी प्रेम के जाने पर ,एक दर्द की कहानी बन जाती है,
कांटों के बीच रहकर ,यह मुस्कुराहट बांट जाती है,
हजारों किस्सों के बीच दफ़न कोई रवानी बन जाती है,
ये फूल बस मोहब्बत नहीं,जीवन के कई किस्से, कई आयामों में बंध जाती है ।
ये कहती है हमसे जीवन के हर रंग है,चाहे जो रंग,रंग लो,
सुकून भी हम है, बेचैनी भी,चाहो तो गले लगा लो,
तुम जैसे जरुरी हो,जिंदगी जीने के लिए,
ये फूल जरुरी है जानां,जिंदगी की जिंदादिली के लिए,
क्योंकि,ये फूल बस मोहब्बत नहीं,जीवन के कई किस्से कई आयामों की कहानी है ।
SAMAGI-