जहां लड़कियों को
यश, विजय, सफलता,
का आशीर्वाद ना देकर
माता पिता जल्द से जल्द
वर एवं पुत्र प्राप्ति की कामना करते है
वहां का जनसंख्या 150 Cr
नही होगा तो क्या अमेरिका का होगा-
पुजारी असीमित सुविधाओं का
भुक्त भोगी है
लुटेरों के वेश में घूमता कमोवेश
हर एक जोगी है
मंदिर बन चुके अयियाशियो
का अड्डा
दर्शन पाने आई जनता ही अब
सबसे बड़ी लोभी है-
बच्चे आज स्कूल नही गए क्या ?
नही! आज स्कूल की छुट्टी है। हिंदी
वालें मास्टरजी शादी कर रहे है
हमारे ही स्कूल में पढ़ने वाली
9वी की एक लड़की से
तो वही स्कूल में प्रबंध हुआ है।
क्या बात है ! मास्टर जी इतनी जल्दी
तीसरी शादी करने लगे अभी कुछ दिन
पहले ही उनकी दूसरी बीबी से तलाक
हुआ है और पहली वाली की अकस्मात
मृत्यु हुई थी।
अपनी विधवा बहन के लिए दुउआह मर्द
खोज रहे है और खुद ताजी मिठाई के
पीछे है । खैर जाने दो।-
प्रकृति ने पहाड़ बनाए
उन्हे पत्थर झरनों जड़ी
बूटियों से सजाया
झरनों से नदियां निकली
और जीवन का अस्तित्व
सवारा
जीवन से मानव आया
कल कारखाने नाले बनाए
और नदियों को सोख गया
झरनों को बांध दिया
पतियों को खा गया और
पहाड़ आज खड़े है बंजर
होकर-
मेरा खाना खत्म हो चुका था
लेकिन मेरे कॉलिग्स के बातों ने
मुझे अबतक टेबल से बांधे रखा था
हमने सैकड़ों मंदिर खोए
दर्जनों राज्य तबाह हो गए
मासूमों का कत्तलेआम हुआ
लेकिन हमने कभी हिम्मत नही खोया
तुम क्या कहते हो मित्र इसपर...
कितनी विडंबना है मंदिर खोने का
दुख राज्य खत्म होने का दुख सबको
है लेकिन इंसान खत्म हो रहा इसकी चिंता
नही,जरा बताओगे कौन से टेक्स्ट में जाति
आधारित बटवारा लिखा है, छुआछूत का
आडंबर विवेचित है?-