नाउम्मीदी के सागर में गोते खाते खाते
हमने ख़ुद को खो दिया तुम्हे पाते पाते
यूं तो कोई शब्द घावों पर मरहम हो नहीं सकता
पर फिर भी कहो क्या कहोगे जाते जाते
तरकश में तीर है हाथों में तलवार भी
फिर जंगे सारी हार गई मैं जीत के करीब आते आते
किस्मत में क्या है ये समझ से परे है
थक चुकी हूं सारे भगवानों को मनाते मनाते
लोग उंगलियां उठाते है आते जाते
नहीं समझते वक्त लगता है अंजाम को पाते पाते
रात ढली तो चुकी है सहर भी होगी
मैं पा लूंगी सब कुछ ख़ुद को पाते पाते
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रोज नए नए ख्वाबो को सीती है।
एक लड़की है थोड़ी पागल सी जो मेरे अ... read more
यादें आए जब जब तेरी
यादें भी ज्यादा ना हो
जब प्रेम करे मुझसे कोई
वजह कोई वादा ना हो
मैं रूक्मणी बन जाऊंगी
यदी तुम्हारी कोई राधा ना हो
राहें तुम्हारी चुन भी लूं
चाहे रहो में कोई बाधा भी हो
ये प्रेम मुझे स्वीकार है
यदी प्रेम तुम्हारा आधा ना हो
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एक काश की फुरकत में है
हम फिलहाल फुरसत में है
ये मेरी फितरत में नहीं था
जो अब मेरी आदत में है
जिसे कल तक नजरे पहचानती नहीं थी
वो आज मेरी इबादत में है
खाली शब और श्याह लगती है
राज़ अब भी परदे में है
ख़्वाब बड़ा एक देखा था
देखो अब क्या अंजाम मेरी किस्मत में है
एक दिन यूं होगा कि मेहरबानियां होगी
और हम कहेंगे कि बरकत में है-
Let him go he was never yours....
Yes maybe you were good friends
Following the same trends
But now he will have to go
And this is how the story ends
Hope we will meet again
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वैसे तो सब कुछ ठीक हैं.......
पर एक काश हैं जो रह जाता है
जाने क्या क्या कह जाता है......
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सन्नाटे सब कुछ कह जाते है
बस हम ही चुप रह जाते है
सबको मिलती है मंजिल
हम क्यों राहें तकते रह जाते है
मेरी ही क्यों बारी नही आती
बाकी तो सब लोग कुछ कुछ कह जाते है
उन न दिखने वाले घावों को
हम क्यों यूं ही बेबस सह जाते है
मैं पूछूं किस्से की मेरी बारी कब आयेगी
हम क्यों बचते बचते रह जाते है
फिर से सारे अरमानों को पक्का करो
और फिर से सारे ख्वाब ढह जाते है
आखरी कब तक ये खेल चलेगा यारा
आसू कहते कहते बह जाते है
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अब इत्तेफाकन मिलने की कोई गुंजाइश न रही
तुझसे मिलने की कोई भी ख्वाहिश न रही
मेरे शहर से तुम क्या गए हो
इस शहर में कोई रवाइश ना रही
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जिंदगी थोड़े तो इम्तिहान लेगी ना चलो मंजूर है
इसके बाद जो जीत मिलेगी वह भी तो भरपूर है
सबको होगा अपनी जीत का बहुत गुमान
मुझे भी मेरी हार पर गुरूर है
जिंदगी थोड़े तो इम्तिहान लेगी ना चलो मंजूर है
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