XYZ  
149 Followers · 8 Following

Trying to express the storm of thoughts
Joined 28 May 2020


Trying to express the storm of thoughts
Joined 28 May 2020
28 JUL 2021 AT 23:18

अगर उसके होते हुए भी
मैं रात को आँसू बहा कर सोऊँ

तो उसका होना क्या होना है ??

-


29 MAY 2021 AT 17:04

To GOD.....!!!
तुम्हारे लिए तो सब बराबर हैं ना
तुम्हारे तो सब बच्चे हैं ना
फिर क्यूँ तुम्हारे नाम से बार बार मुझे जि़ल्लत दी जाती है
गलती स्वीकार करूँ फिर भी शिद्दत से मुझे गाली दी जाती है

कब मुक्त करोगे मुझे कर्म के इस चक्र से
थक चुकी हूँ मैं शर्म के इस दलदल से

अगर हो कहीं तुम तो इंसाफ करो
हाथ थामा है मेरा तो मेरे साथ चलो
गुनाह को मेरे अब तो तुम माफ करो

-


2 MAR 2021 AT 23:54

It's my last convo with uh YQ...!
And I jst wanna say a big
Thanku
Thanku for being there ❤


-


2 MAR 2021 AT 18:49

बातों में जिक्र शायद आज भी है
ईरादों में फिक्र शायद आज भी है
भले जुबाँ से करे वो इंकार
पर दिल में जगह शायद आज भी है

-


27 FEB 2021 AT 23:45

आज फिर किसी ने अपनी जान दी है
हाँ सही सुना.....
किसी ने अपने माँ बाप की मुस्कान छीनी है
वो चला गया उसे जाना था
वो चला गया उसे जाना था
पर जिंदगी भर के लिए उसने अपनों को सजा दी है
बडा़ किया था उसे भी पाल पोसकर किसी अपने ने
किसी की जान तो जरूर बसी होगी उस जाने वाले लड़के में
वो तो चला गया पर पीछे छोड़ दुखों का पहाड़ गया
हे इश्वर , हिम्मत देना उसके अपनों को
कि पार कर सके वो पीडा़ के इस समन्दर को

#suicide

-


27 FEB 2021 AT 12:50

मैंने आज खुदको बेबस देखा
मैंने आज खुदको बेबस देखा
वो परेशाँ है , मुझे पता है
पर मैं कुछ नहीं कर सकती
ऐ खुदा...
ये मैंने खुदको किस मोड़ पे देखा
चाहती हूँ भुला दूँ गम , उसके सारे
और छोड़ दूँ मुस्कान चेहरे पे उसके
पर बात तक करने को मोहताज हूँ
ऐ खुदा...
ये मैंने खुदको किन हालातों में देखा
ये मैंने खुदको किन जज्बातों में देखा

-


22 FEB 2021 AT 14:20

उसने मुँह मोड़ लिया मुझसे
शायद उसके भी कुछ सपने थे
अपना बनाना चाहा था मुझे
पर उसके पहले से कुछ अपने थे
घर का बडा़ बेटा था वो
शायद जिम्मेदारियों ने उसे जकडा़ था
घर चलाने का बोझ था उसपे
शायद इसीलिए वादों से अपने मुडा़ था
जिन हाथों को थामा मैंने था
वो हाथ कमाने वाले थे
उसके भरोसे थी एक परिवार की खुशियाँ
इसलिए अकेले सह गया वो गम , जो साथ सहने वाले थे


-


22 FEB 2021 AT 13:23

अब से मैं नफ़रत पर लिखा करुँगी

शायद ...
नफ़रत लिखते लिखते मुझमें भी
नफ़रत करने की अदा आ जाये


-


20 FEB 2021 AT 13:52

खुदा करे....
उसे एक बार किसी से इश्क हो जाये
जिस्मों वाला नहीं , रूह वाला करार हो जाये
फिर उसे छोड़ कर चले जाये वो
और उसे किसी और के साथ की गई अपनी बेवफाई याद आ जाये
बस उसे एक बार किसी से प्यार हो जाये

-


20 FEB 2021 AT 12:15

Number delete कर दिया उसका
पर उसे दिल से हटाना बाकी है
यूँ तो पूरे दिन याद नहीं करते हम उसे
पर उसका खयाल आ जाता है उसे मिटाना बाकी है
Password तो हटा दिया नाम का उसके
पर phone के backcover में एक photo है उसे निकालना बाकी है
ख्वाब भुला दिये मैंने देखे थे जो साथ उसके
पर अभी भी एक चाहत है उसे भुलाना बाकी है
आगे बढ़ने को तो बढ़ चुकी मैं
आगे बढ़ने को तो बढ़ चुकी मैं
पर पीछे़ शायद सब छुट गया मेरा उसे समेटना बाकी है

-


Fetching XYZ Quotes