मैंने आज खुदको बेबस देखा
मैंने आज खुदको बेबस देखा
वो परेशाँ है , मुझे पता है
पर मैं कुछ नहीं कर सकती
ऐ खुदा...
ये मैंने खुदको किस मोड़ पे देखा
चाहती हूँ भुला दूँ गम , उसके सारे
और छोड़ दूँ मुस्कान चेहरे पे उसके
पर बात तक करने को मोहताज हूँ
ऐ खुदा...
ये मैंने खुदको किन हालातों में देखा
ये मैंने खुदको किन जज्बातों में देखा
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