༒MOHIT_RAJPUT༒   (༒🛡️ᎷᎧᏂᎥᏖ🛡️༒)
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Joined 31 January 2021


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26 DEC 2022 AT 9:39

तेरे सर कोई इल्जाम नही ला सकता ,
अपने होंठो पे तेरा नाम नही ला सकता....

एक गरीब मजदूर बाप का बेटा हु मै ,
इश्क में सूरज और चांद नही ला सकता ...

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25 DEC 2022 AT 11:42

कहीं ज़मीं छोड़ी, कहीं आसमान छोड़ आया,
एक तेरी ख़ातिर मैं सारा जहान छोड़ आया।

एक ये ही हुनर आता था मुझको ज़िंदगी में,
मैं जहाँ भी गया कुछ निशान छोड़ आया।

उड़ न पाया तेरी क़ैद से रिहा हो कर भी मैं,
मैं तेरी गिरफ्त में अपनी उड़ान छोड़ आया।

लगाऊं तो भला अब लगाऊं निशाना कैसे,
तीर तो उठा लाया मग़र कमान छोड़ आया।

कुछ यूं दे कर आया मैं इम्तेहान जिंदगी के,
मुश्किल सवाल कर दिए, आसान छोड़ आया।

दिल्लगी में दिल को, बहुत मिले थे ज़ख़्म,
एहतियातन वो गलियां, वो मकान छोड़ आया!!

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28 OCT 2022 AT 21:31

जो नहीं होता है उसका ही ज़िकर होता है ,
हर इक सफ़र में मेरे साथ में घर होता है ,
मैं इक फ़कीर से मिलकर ये बात जान गया ,
दवा से ज़्यादा दुआओं में असर होता है।

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20 SEP 2022 AT 7:17

रात और ख़्वाब की
जो मिलावट है,
सच पूछो तो यहीं तो
मोहब्बत की सजावट है ।
GoodMorning❣

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19 SEP 2022 AT 23:20

ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,

जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,

ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,

आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।

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16 SEP 2022 AT 21:23

कोई सुकूँ की फरियाद करता है ,
कोई जाँ जाने तक याद करता है,
"इश्क़" के पास तरीके बहुत हैं ,
ये तरह-तरह से बर्बाद करता है !!

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12 SEP 2022 AT 22:30

ताक़यामत हम तुझे याद करेंगे,
तेरी हर बात पर ऐतबार करेंगे,
तुझे लौट कर आने को तो नहीं कहेंगे,
पर फिर भी तेरे आने का इंतज़ार करेंगे!

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12 SEP 2022 AT 22:18

आसमान के परे मकान मिल जाए...
खुदा को मेरा यह पैगाम मिल जाए..!
थक गई है धड़कने अब चलते चलते..
ठहरे सांसे तो अब आराम मिल जाए..!!

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24 JUN 2022 AT 16:06

क़फ़न में लिपट कर, बोल पड़े हम
आप मेरी खामोशी, नही सुन पाते.....
ये कान किसी के, चाहे जैसे भी हों
टूटे दिल की,आवाज़ नही सुन पाते...!
💘💔💘

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16 JUN 2022 AT 16:54

रहने दे वो बात न पूछ
कैसे थे हालात न पूछ।
जल जाने की आदत डाल
कब होगी बरसात न पूछ।
सहराओ के चर्चे छोड़
प्यासे थे दिन- रात न पूछ।
चेहरे पढ़ने के फन देख
आइनो की जात न पूछ।
थे तो सारे अपने ही
फिर भी ऐसी घात? न पूछ।
मैं था ,तेरी यादें थीं
गुजरी कैसे रात न पूछ।।

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