इस बारिश में कुछ तो कमी थी।
हा तू जो मेरे पास नहीं थी।।
लगता सारा जहां वीराना सा।
तुम्हारी आहट साथ नहीं थी।।-
अंजान थे जो मेरे लिए वो मिलने आई...
सपने में देखा वो हकीकत बन आई।।
जो आई थी चेहरे पर मुस्कान देते हुए....
जाते हुए होठों की हंसी भी उड़ा ले गई।।-
है उस लम्हे का इंतजार,
जब हम तुम्हे हाल-ए-दिल बयां करेंगे।
लगा के सीने से तुझे,
इस जहां को अलविदा कहेंगे।।-
संतो की धरती पर सैंटे का स्वागत किया जा रहा है
तुलसी पूजन दिवस छोड़ कर क्रिसमस डे मनाया जा रहा है-
कोई बताये तन्हा रातो मे सोते कैसे है
जब दर्द हद से गुजर जाये तो रोते कैसे है
आँखों को नम कर मुखौटा लगा हस्ते कैसे है
उन्हें दिल मे बसा औरो को पन्हा देते कैसे है
कोई बताये तन्हा रातो मे सोते कैसे है-
पुरा दिन बेशक गुजर जाए हस्ते हुए।
रात होते होते आँशु निकल ही जाते है।।-
मेरे जिंदगी की भी अजीब कश्मकश है।
जिम्मेदारी मरने नही देती और मोहब्बत जिने।।-
he:-
तेरी मनमर्जियो के हम गुलाम बन बैठे है,
हा हम तुमसे प्यार कर बैठे है।
मेरे दिल मे तुम घर बना बैठे हो,
क्या आप भी हमसे दिल लगा बैठे है।।
she:-
अपने दिल से हम भी सवाल कर बैठे है,
क्यू हम तुमसे बेइम्तेहा प्यार कर बैठे है।
तेरे दिल मे जो हम यु घर बना बैठे है,
हा हम भी तुमसे दिल लगा बैठे है।।-
तेरे दीदार को तरसते है जालिम,
ये आँखे तुझे खोज खोज के रोते है।
रात के अंधारे मे भी मुह दबा कर रोते है,
कही चंद की रोशनी मे कोई पहचान ना ले।।-