तेरी चाहत क्या है इस इश्क से मैं कभी समझ ना पायी
तूने सब की सुनी और चुप रहा पर बात जब तुझ पर आयी तो तू भी मुझ पर ही गरमाई
मेरी अपनी भी एक इज्जत पर तुझे जरा शर्म ना आयी मैं घुटती रही बंद कमरे मे तूने हर जसन मे खुशिया मनाई — % &-
थोड़ा बातुनी अंदाज कुछ शायराना है
ज्यादा कुछ खूबीया नहीं फिर भी ... read more
Ek din teri zindigi se yun achanak itni dur chala jyunga
Na tujhe meri yaad ayagi na mai tujhe kabhi yaad ayunga
Ektafakan zindigi mai agar hum takra bhi gye too tujhe wafa ki murat kahkr khud ko bewafa karar kr jayunga
Bs teri zindigi kahi dur chala jyunga
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बस अब बहुत दूर जाना चाहते है तुम्हे भूल जाना चाहते है
हर हसीं याद को दफन कर हम मुस्कुराते हुए महफ़िल सजाना चाहते है-
चलो अब कुछ दिन तुम्हारे तरीक़ों से जिया जाये
तुम्हें इशारों से बाते समझ नहीं आती तो मेरी जुबान से कहा हर ल्वज पूरा किया जाये
सोचा था तुम निगाहों से पढ़ लोगे चलो जाने दो तुम्हारे लिए ये सपना भी तोड़ दिया जाये-
इश्क़ से वफादारी कर हमने चाय से यारी रखी
उनकी बात मान कर सिगरेट एक बीमारी समझी
वो खुश रह सके जिन्दगी के हर फैसले मे साझेदारी रखी
और उसने हमे ही गलत समझ कर हमारी जिंदगी को खुद पर एक कर्जदारी कह दी।-
मेरे बिना कुछ कहे तु सब समझ जाए इतना इश्क में काफी नही है क्या
हो गयी गलती मुझ से तेरे सहर में इसकी माफी नही है क्या
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मेरे वक्त को ठुकराया जा रहा है
मेरे इश्क को झुठलाया जा रहा है
किसने दे दी है जिंदगी में दस्तक जिसके आने से हमे रुलाया जा रहा है-
घर से निकलते ही तुमसे मिलने की ख़ाहिश रहती है
हर शाम की चाय में तेरे होंटों की गर्माइश रहती है
तेरे होने के एहसास से चेहरे पर एक मुस्कान सी रहती है
सब है मेरे पास बस तेरे साथ ना होने से मेरी दुनिया जरा विरान सी रहती है-
तेरी मुस्कान में अब वो बात ना रही
तेरे साथ जब बारिश मे भीगे थे अब वो रात ना रही
मैं ताउम्र ये बात ज़िन्दगी को समझती रही
जब उसे इश्क़ नही था तुझसे तो
तू क्यूँ उसकी याद मे यू बर्बाद सी रही।-
कुछ अनकहा सा रह गया है जिन्दगीं में, कुछ सब कह डाला है
कुछ तेरी आँखों ने, कुछ तेरी बातों ने
कुछ तेरी मुस्कान की इन गर्म होंठों की यादों ने
कुछ जिस्म से रुबरु हो गए है,कुछ होना बाकी है
पर सच कहते है "अभी रुक जाओ ना" उसका ये कहना बाकी है।-