मां बाप के बारे में जितना भी लिखा जाए उतना कम है
उनके त्याग,प्यार और बलिदान की कल्पना करना भी मुश्किल है
मां बाप के स्नेह की कभी भी कीमत नहीं चुकाई जा सकती है
बस मैं इतना कहना चाहूंगा
जिसके साथ मां बाप रहते हैं
वहां खुशियों के लाखों फूल खिलते हैं
जहां भी मां बाप रहते हैं
वहां खुशियों के लाखों फूल खिलते हैं-
मां बाप से बढ़कर कोई प्यार नहीं करता
जो छोड़ देते हैं मां बाप को सड़कों पर
उस से मूर्ख दुनिया में कोई इंसान नहीं होता
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हमने की बस वफ़ा बार-बार
पर तुमने की बस बेवफाई
वादे तो किए हमसे बड़े-बड़े
पर बजा ना सकी तुम प्यार की शहनाई-
फूल हो गुलाब का तो महक आती है
सच्ची हो मोहब्बत तो याद रोज आती है
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ए सनम तुम क्यूं बैठी हो नाराज
आओ प्यार की बातें करते हैं दो चार-
नींद कैसे आएगी
जब बैठी हो सनम तुम सामने
आदत ऐसी डाल दी
सनम इस पागल दिल को आपने
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बीच राह में सनम मुझको तुम छोड़ ना देना
नाजुक है ये मेरा दिल बेचारा इसको तोड़ ना देना-
यूं धीमें से मुस्कुरा के
हाय, ना देख ऎ जानेमन हसीना
ख कर तीर नजरों के
घायल ना हो जाए कहीं तेरा दीवाना-
मुझसे बेवफा करके तुमको मिला क्या।
दिल तोड़ कर मेरा तुमको मिला क्या।।
अकेला मुझको इस बेदर्द दुनिया में ।
तड़पता छोड़ कर तुमको मिला क्या।।
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