मैं जो ढल रहा हूँ वक़्त से पहले हर रोज आज कल,तो अब कुछ नया बनकर निकलने चला हूँ,हाँ जलते हुए जमाने को छोड़कर मैं,सूरज को पकड़ने चला हूँ।। -
मैं जो ढल रहा हूँ वक़्त से पहले हर रोज आज कल,तो अब कुछ नया बनकर निकलने चला हूँ,हाँ जलते हुए जमाने को छोड़कर मैं,सूरज को पकड़ने चला हूँ।।
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की मेरे गम की लगी महफ़िल है,मेरी तनहाइयाँ यहां मेहमान है।और कहने को जिंदगी में लोग बहुत है,पर जिंदिगी जी रहा मेरे अंदर एक अकेला इंसान हैं। -
की मेरे गम की लगी महफ़िल है,मेरी तनहाइयाँ यहां मेहमान है।और कहने को जिंदगी में लोग बहुत है,पर जिंदिगी जी रहा मेरे अंदर एक अकेला इंसान हैं।
की अब दौर बेवफाई का है,और वो वफ़ा की बात करती है।की अब दौर बदनाम मोह्हबत की है,और वो मशहूर दोस्ती की बात करती है। -
की अब दौर बेवफाई का है,और वो वफ़ा की बात करती है।की अब दौर बदनाम मोह्हबत की है,और वो मशहूर दोस्ती की बात करती है।
New day comes with the struggle of today so never stop your step to moving in a positive way , Happy Republic Day -
New day comes with the struggle of today so never stop your step to moving in a positive way , Happy Republic Day
अच्छा है हम अकेले है,न दुनिया मे मशहूर होने की ख़्वाहिश है,और न ही महफिलों में गुमशुदा हो जाने का डर।। -
अच्छा है हम अकेले है,न दुनिया मे मशहूर होने की ख़्वाहिश है,और न ही महफिलों में गुमशुदा हो जाने का डर।।
Who can't leave me in dark night.. -
Who can't leave me in dark night..
जहाँ अपनो की कीमत मंहगी ,और सपनों की अहमियत सस्ती थी। -
जहाँ अपनो की कीमत मंहगी ,और सपनों की अहमियत सस्ती थी।
वो दगेबाजों में बफ़ादार थे,मेरी जान वो कुत्ते नही मेरे यार थे।। -
वो दगेबाजों में बफ़ादार थे,मेरी जान वो कुत्ते नही मेरे यार थे।।
की पूरा शमशान रो रहा था मेरी मय्यत पर,जब मेरे अपने मुझे धधकती हुई आग में अकेला जलने को छोड़ आये थे।। -
की पूरा शमशान रो रहा था मेरी मय्यत पर,जब मेरे अपने मुझे धधकती हुई आग में अकेला जलने को छोड़ आये थे।।
की तुम खुश तो हो न आज मैं रो रहा हूँ,तुझे ढूंढते ढूंढते मैं हजार महफिलों में भटका था,आज तन्हा होकर ही बेचैनी में सो रहा हूँ।। -
की तुम खुश तो हो न आज मैं रो रहा हूँ,तुझे ढूंढते ढूंढते मैं हजार महफिलों में भटका था,आज तन्हा होकर ही बेचैनी में सो रहा हूँ।।