Which i want to recive
In every sec of my life-
जिसमें ज़िद्द ना हो
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कुछ लिख रहा हूँ फिर पढ़ रहा हूँ
अपने ही ... read more
कभी तुझसे मिलेंगे तो कहेंगे झूठ तुझसे हम
ना तेरी फ़िक्र करते हैं ना तुझको याद करते हैं-
आँखें तो बंद की थी हमने
नींद के इंतज़ार में
ख़्वाबो को ना जाने कहाँ से
आपकी तस्वीर मिल गईं-
मैंने खोया हैं अपनी हर प्यारी चीज़ को
मैं फिर भी अपनी क़िस्मत आज़माऊँगा
एक शायरी लिखी हैं
कभी मिलोगी तो सुनाऊँगा-
मुझे फ़ुर्सत कहाँ
कि मौषम सुहाना देखूँ
तेरी याद से निकालूँ
तब तो जवाना देखूँ-
कुछ लूट गया कुछ लूटा दिया
कुछ मिट गया कुछ मिटा दिया
ज़िंदगी ने कुछ यूँ आज़माया मुझे
कुछ छिन गया कुछ गवा दिया-
मर चुका है दिल मग़र ज़िंदा हूँ मैं
ज़हर जैसी कुछ दवाएँ चाहियें
आप पुछते हैं, आप अच्छे तो हैं
जी मैं अच्छा हूँ बस दुवाएँ चाहिये-
ज़िंदगी की दौड़ में कुछ वक़्त सँभाला है मैंने
तेरे सवालों के जवाबों पे ख़र्च करूँगा
कुछ पैसे बचा कर रखें हैं मैंने
ख़्वाब टूटेंगे तो शराबो पे खर्च करूँगा-