Writer Ashish Gupta   (✍️ Writer - Ashish Gupta)
6.2k Followers · 6.3k Following

read more
Joined 5 March 2020


read more
Joined 5 March 2020
22 AUG 2022 AT 14:59

वो कहती रही बड़ी खुशनसीब हूं मैं तुम्हें पाकर ।।
बस इसी उम्मीद में हम दिल लगाते रहें ।
और आज कहती है भूल जाओ हमें ।।
अब जिम्मेदारियां आ गई है हमपे ।
मेरी चाहत ही ऐसी थी कि उनकी हर बात को दिल से लगाते रहे ।
कमबख्त मुझे ये याद क्यों नहीं आई ।।
कि उसे छोड़ना तो एक बहाना था।
दिल तो किसी ओर से लगा था ।

-


18 FEB 2022 AT 7:43

बहुत सह लिए चुप्पियाँ
अब तो इन्कलाब बोया जाय.!
लब्ज़ दब गए हैं हालात के तले
अब तो क़लम उठाया जाय !!— % &

-


30 JUL 2021 AT 10:13

सोचने के लिए सोच चाहिए ,
औऱ करने के लिए जुनून ।

-


23 JUL 2021 AT 10:43

😍😍😍

-


28 JUN 2021 AT 7:08

💔💔💔

-


18 JUN 2021 AT 19:33

बात-बात पे शस्त्र उठाना फ़ितरत नही हमारी ।
क़लम की ताक़त बख़ूबी जनता हूँ मैं।

-


26 MAY 2021 AT 6:04

❤️❤️❤️

-


24 APR 2021 AT 10:19

Ghji

-


14 APR 2021 AT 19:08

कहत फिरत ऊ जग में ,
सब से बर हई हम महान ।
पोथी उल्टा के देखह ,
तू का ताहर बापो रहल बईमान।

-


6 APR 2021 AT 7:34

उनकी मासूमियत पे ऐसे ऐतवार कर गए हम,
न जाने कोंन सी जाम पिला गए वह हमें ,
की अब दिललगी का तो पता नहीं
पर मयखाने का ग़ुलाम बना गए वह हमें ,

-


Fetching Writer Ashish Gupta Quotes