वो कहती रही बड़ी खुशनसीब हूं मैं तुम्हें पाकर ।।
बस इसी उम्मीद में हम दिल लगाते रहें ।
और आज कहती है भूल जाओ हमें ।।
अब जिम्मेदारियां आ गई है हमपे ।
मेरी चाहत ही ऐसी थी कि उनकी हर बात को दिल से लगाते रहे ।
कमबख्त मुझे ये याद क्यों नहीं आई ।।
कि उसे छोड़ना तो एक बहाना था।
दिल तो किसी ओर से लगा था ।-
Writer Ashish Gupta
(✍️ Writer - Ashish Gupta)
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भोजपुरी गीतकार व अभिनेता
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Joined 5 March 2020
22 AUG 2022 AT 14:59
18 FEB 2022 AT 7:43
बहुत सह लिए चुप्पियाँ
अब तो इन्कलाब बोया जाय.!
लब्ज़ दब गए हैं हालात के तले
अब तो क़लम उठाया जाय !!— % &-
18 JUN 2021 AT 19:33
बात-बात पे शस्त्र उठाना फ़ितरत नही हमारी ।
क़लम की ताक़त बख़ूबी जनता हूँ मैं।-
14 APR 2021 AT 19:08
कहत फिरत ऊ जग में ,
सब से बर हई हम महान ।
पोथी उल्टा के देखह ,
तू का ताहर बापो रहल बईमान।-
6 APR 2021 AT 7:34
उनकी मासूमियत पे ऐसे ऐतवार कर गए हम,
न जाने कोंन सी जाम पिला गए वह हमें ,
की अब दिललगी का तो पता नहीं
पर मयखाने का ग़ुलाम बना गए वह हमें ,-