Writer Amit Sir   (Amit Solanki)
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सकारात्मक
https://youtube.com/@amitsolanki383?si=JIwe33L50nf9JIax
Joined 25 December 2020


सकारात्मक
https://youtube.com/@amitsolanki383?si=JIwe33L50nf9JIax
Joined 25 December 2020
22 JUN AT 20:56

विश्वास होता दो शब्दों का,
विश(Wish) और आस l
इच्छा व आशा से
करते रहें प्रयास l
इच्छा से ही आशा,
आशा से ही इच्छा l
इच्छा व आशा के दामन से,
करें कर्म हम अच्छा- अच्छा l
विश्वास में विष कहाँ !!
बस रखना याद
खुद पर करो तो
आँखें बंदकर l
औरों पर करो तो
आँखे खोलकर l
विश्वास में विष कहाँ !!
इच्छा कम करो,
आशा खुद से रखो ;
फिर स्वर्ग लगेगा ये जहाँ l
अधिक चाह ,अधिक इच्छा ही
बन जाती है विष,
विश(Wish) में है विष l
विश्वास में विष कहाँ !!

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9 JUN AT 19:56

शेर थोड़ी देर सुस्ता क्या लिया,

लोग उसे कमज़ोर समझने लगे |

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8 JUN AT 14:21

भगवान जैसा बनना है तो पहले नि:स्वार्थी बनो |

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10 APR AT 22:26

सत्य के साथ स्वयं को स्वयं की नज़रों में ऊँचा उठाने का ईश्वर प्रिय गुण ईमानदारी है |

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10 APR AT 22:24

Honesty is the God- loving quality of elevating oneself in one's own eyes with truth.

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19 FEB AT 9:53

, then God gave me a chance, I understood and controlled myself.

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11 FEB AT 6:55

प्रेम,आशीर्वाद व सहयोग स्वरूप समर्पित अनमोल ख़जाना l

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10 FEB AT 22:37

that,
Who am I,
Where am I,
What am I doing
&
What is my aim in life.

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9 FEB AT 22:42

किसी भी विद्या या कला को सीखने की क्रमश: चार सीढ़ियाँ 'सुनना' , 'बोलना', 'पढ़ना' व 'लिखना 'होती है ,पर इन सबसे भी पहले प्राथमिक आवश्यकता होती है वह है- देखना या ध्यान देना l देखने या ध्यान देने से ही इन चारों सीढ़ियों पर आसानी से क्रमश: चढ़ा जा सकता है |

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5 FEB AT 22:43

ज़रूरत पड़ने पर एक-दूजे के काम आना, सहयोग करना ही सबसे बड़ा धर्म है|

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