कदम संभाल संभाल के रखने वाले ।
आज इश्क की कश्ती में सवार हो गए।।
ना जाने क्यों ये बिना सोच समझे ही।
आगे क्या होगा इसे नजरअंदाज कर गए।।
फिलहाल वो बस इसके एहसास में बह गए।।।-
"जिंदगी।"
इस "जिंदगी" नाम के शब्द में पूर्ण विराम कब लग जाए।
कौन ही जानता है?-
मौत का डर , मौत के आने से भी नहीं लगेगा।
क्योंकि जीने की चाहत ही कहां बची है मुझ में।-
हर रात आंख बंद होने से पहले,
आज क्या खोया है इसका रोना रोने से पहले,
खुद को खुद से खोने के एहसास होने से पहले,
जनाब आप खुद ही संभाल लो खुद को।।-
चांद एक है , तारे अनेक है।
वक्त रहते थाम लो मुझे।।
मेरी मां ने एक रोज कहा।
तुम लाखों में एक हो ।।-
तेरे दर से लौट आई मैं ।
क्योंकि तुझे जगाना वाजिब नहीं समझा ।।
फिक्र होती अगर तुम्हें हमारी तो ।
तेरी नजरें हमारे दीदार के इंतजार में होती।।-
किसी चीज को पाने की हसरत में,
उसके ना मिलने का डर भी लगा रहता है।-
मैंने सुना है!
किसी मजबूर इंसान का फायदा कोई मजबूर इंसान कभी नहीं उठाता है।-
पापा,
मैं आपसे कितना प्यार करता हूं।
आपको बताने से आज भी कतराता हूं।
हर बार ही बोलते-बोलते रह जाता हूं।-
मेरी खुशियों का ठिकाना है वो!
मेरी खुशियों का खजाना है वो!
सिर्फ मेरी मां का सिरहाना है वो।-